जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की संवेदनशीलता से बिछुड़ी दो मासूम बच्चियों को मिल गया परिवार
भरतपुर। अपने परिजनों से बिछुड़ कर पिछले तीन महीनों से राजस्थान में भरतपुर के राजकीय बालिका गृह में रह रही दो मासूम नाबालिग सगी बहनें को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा बरती गई संवेदनशीलता एवं तत्परता से एक बार फिर अपने परिवार से मिलना नसीब हो गया।प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के अनुसार हरियाणा में मोहन नगर कुरुक्षेत्र की एक सीमेंट फेक्ट्री में मजदूर मोनू की दो बेटियां 7 वर्षीया गौरी व 6 वर्षीया रिया खेलते-खेलते रेल्वे स्टेशन तक आ गई और खड़ी ट्रेन में चढ़ गई कुछ देर बाद जब ट्रेन चल दी तो बे उतर नही सकी। ट्रेन जब मुरैना रेल्वे स्टेशन पर रुकी तो उन्हें पुलिस ने अपने संरक्षण में लेकर 31 मई को भरतपुर के राजकीय बालिका गृह में दाखिला कराया। इस बीच प्राधिकरण के सचिव अनुतोष गुप्ता द्वारा 17 अगस्त को बालिका गृह के निरीक्षण के दौरान जब दोनों मासूमो की काउंसलिंग की गई तो उन्हें बच्चियों के मामले में उम्मीद की किरण नजर आई। जिस पर बालिकाओं के पुर्नवास के संबंध में बालिका गृह के अधीक्षक को बिना किसी लापरवाही के अविलम्ब कार्यवाही करने के कठोरता के साथ निर्देश दिए गए। प्राधिकरण की कठोरता के बाद सक्रिय हुए भरतपुर के बालिका गृह के प्रयासों का यह परिणाम रहा कि कुरूक्षेत्र जिला बाल संरक्षण अधिकारी व पुलिस अधीक्षक कुरूक्षेत्र के सहयोग से दोनो मासूमो के पिता को खोज कर दोनो बच्चियों को उसे सौप दिया गया।
- कोशलेन्द्र दत्तात्रेय