पावटा के आदर्श विद्या मन्दिर प्रांगण में वार्षिकोत्सव व प्रतिभाओं सम्मान समारोह हुआ आयोजित
कोटपुतली बहरोड़ जिले के पावटा कस्बे के आदर्श विद्या मन्दिर प्रांगण में रविवार को वार्षिकोत्सव एवं प्रतिभा सम्मान समारोह भरतदास जी धाम टोरडा के संत मंगलदास जी महाराज के पावन सानिध्य एवं एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर के पूर्व अतिरिक्त अधिक्षक डाॅ. के.के.मंगल के मुख्य आतिथ्य तथा डॉ जयराम यादव की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ मंचस्थ अतिथियों ने माॅ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष द्वीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान विद्या मन्दिर के बालकों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक एवं शारीरिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई।कार्यक्रम में बोलते हुए टोरडा धाम संत मंगलदास जी महाराज ने कहा कि बालकों को अच्छे संस्कार देने के लिए उन्हें अच्छी शिक्षा देना आवश्यक है।महाराज ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही समाज में बदलाव लाना सम्भव है।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता रहे आदर्श शिक्षा समिति जयपुर के अध्यक्ष अमरनाथ चंगौत्रा ने कहा कि बालकों के सर्वागीण विकास के लिए बालकों को किताबी ज्ञान के साथ- साथ चारित्रिक ज्ञान की शिक्षा देना भी आवश्यक है। विद्या भारती विद्यालय में शिक्षा के साथ साथ संस्कार देने का काम कर रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ चिकित्सक जयराम यादव ने कहा कि बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए कार्यक्रमो के माध्यम से ही विद्यालय के संस्कार दिखाई देते हैं। आधुनिकता की दौड़ में विद्या के साथ नैतिक संस्कार मिलना केवल आदर्श विद्या मंदिर में ही संभव है। इससे पूर्व स्थानीय प्रबंध समिति के व्यवस्थापक डॉ किशन लाल शर्मा ने विद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में मंचस्थ अतिथियों ने प्रतिभावान छात्र छात्राओ को प्रतिक चिन्ह व नकद राशि भेंट कर सम्मानित किया। विद्यालय प्रधानाचार्य मनोज कुमार टांक एवं स्थानीय प्रबन्ध समिति ने अतिथियों का स्वागत सम्मान किया। इस अवसर पर स्थानीय प्रबन्ध समिति संरक्षक पुरूषोत्तम कृष्ण मिश्रा, अध्यक्ष सुरेश जिन्दल, प्रबंध निदेशक अशोक कुमार पारीक, सह व्यवस्थापक महेश पारीक, शिशुवाटिका प्रभारी श्याम सुन्दर वशिष्ठ, संतोष खण्डेलवाल, बलदेव गोयल, कांशीराम लम्बोरा, सत्यनारायण पारीक, शीशराम जाट, इन्दू शर्मा, पूजा, बबिता, आशीष, रुपांशु, सिद्धार्थ टांक सहित बडी संख्या में गणमान्य नागरिक, भामाशाह एवं महिला पुरुष उपस्थित रहे।
- बिल्लूराम सैनी