भगवान जगन्नाथ का किया 108कलशों एवं पंचामृत से अभिषेक किया गणेश रुपी श्रृंगार कर गर्भगृह में प्रवेश
राजगढ़ (अलवर)
जन जन की आस्था के केन्द्र चौपड़ बाजार स्थित जगन्नाथ मंदिर पर भगवान का 108 कलशो व पंचामृत व दुग्ध से अभिषेक किया गया। मंहत पूरणदास व मदनमोहन शास्त्री ने बताया कि अभिषेक के पश्चात् भगवान के गणेश रूपी श्रृंगार की झांकी के दर्शन दिए गए तथा इसके बाद जगन्नाथ पन्द्रह दिनो तक गर्भगृह में चले गए। गर्भग्रह में प्रवेश करने पर भगवान जगन्नाथ का औषधी युक्त काढ़े आदि से ईलाज किया जाएगा। पौराणिक परम्पराओ के अनुसार कहा जाता है कि भगवान को स्नान कराने के बाद ज्वर पीड़ा होती है और ज्वर से निजात दिलाने के लिए 15 दिनों के लिए गर्भग्रह में विराजमान करवाया जाता है। मंहत ने बताया कि आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा 06 जुलाई को भगवान गर्भगृह से बाहर आकर भक्तो को दर्शन देगें एवं बताया की पुरी के परम्परा के अनुसार इस दिन स्नान से भगवान जगन्नाथ समस्त जीवों का कल्याण करते है। इसी दिन नैत्रोत्सव, मंदिर मार्जन व गणेश पूजन होगा। 7 जुलाई को भगवान चौपड बाजार से जानकी ब्याहने ऐतिहासिक मेला स्थल गंगाबाग पहुंचेगे।
- अनिल गुप्ता