उपखंड अधिकारी के स्थगन के आदेशों की उड़ाई धज्जियां
नायब तहसीलदार ने रजिस्ट्री कर दी इसको लेकर उसके खिलाफ प्रदर्शन कर धरना दिया
अलवर (अनिल गुप्ता) अलवर जिले के मालाखेड़ा के उपखंड अधिकारी के स्थगन आदेश दिए जाने के बावजूद भूमि रजिस्ट्रि करने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। प्रकरण अनुसार मालाखेड़ा उपखंड अधिकारी देवी सिंह ने छः जून को कलसाड़ा के विवादित जमीन पर साधना के प्रार्थना पत्र पर स्थगन आदेश जारी कर रिकॉर्ड और मौके की स्थिति को यथावत करने के आदेश दिए।
उसके बावजूद पीड़ित साधना को न्याय दिलाने के बजाय उसे तंग परेशान करते हुए संबंधित पटवारी रजिस्ट्री बाबू और नायब तहसीलदार ने स्थगन आदेश को दरकिनार कर नायब तहसीलदार अशोक शर्मा ने उन्नीस जून को रजिस्ट्री का पंजीयन करने के लिए मार्क कर दिया। जबकि पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के निर्देश के अनुसार तहसीलदार के मौजूद रहने पर नायब तहसीलदार इस प्रकार से रजिस्ट्री नहीं कर सकता इसकी शिकायत उपखंड अधिकारी मालाखेड़ा को की गई लेकिन उसके बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर सोमवार को बड़ी संख्या में लोगों ने साधना को न्याय दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन किया जहां उपखंड अधिकारी देवी सिंह मौके पर पहुंचे और उनके कार्यवाही करने के आश्वासन दिए जाने पर धरना समाप्त किया ।
उन्होंने कहा पूरे प्रकरण की जांच करवाई जाएगी और नायब तहसीलदार रजिस्ट्री बाबू पटवारी व अन्य जो भी इसमें लिप्त है उसकी जांच कराई जाएगी साधना ने बताया उसकी मां की जमीन में जायदाद में हिस्सा बनता है लेकिन नायब तहसीलदार और पटवारी ने मिलकर उसको हक को खत्म करने का प्रयास किया है। वह एक गरीब महिला है उसे न्याय चाहिए धरना प्रदर्शन के दौरान कई गांव के पीड़ित परेशान लोग मौजूद रहे सभी ने नायब तहसीलदार अशोक शर्मा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं एडवोकेट भारत सिंह चौधरी ने बताया छब्बीस फरवरी को नायब तहसीलदार की बदली हो चुकी है उसके बावजूद भी वह यहां पर रुका हुआ है। और पूरे तहसील में भ्रष्टाचार कर रखा है और उन्होंने एसडीएम से मांग की है जो भी तहसील में भ्रष्ट कर्मचारियों है उन्हें तुरंत प्रभाव से हटाने के लिए जिला कलेक्टर और राजस्व बोर्ड को पत्र लिखकर तुरंत कार्यवाही को अंजाम दें जिससे आमजन को राहत मिल सके।