गोविन्दगढ़ -दिव्यांग प्रमाण-पत्र शिविर को लेकर प्रशासन लापरवाह:डॉक्टरों की टीम मिली गायब, पंजीकरण को लेकर दिव्यांग हो रहे परेशान
गोविन्दिदगढ़ (अलवर) व्यांगों की सुविधाओं, सहूलियतों और अधिकारों के लिए जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग तक गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं।
प्रशासनिक आंकड़ों और तथ्यों के मुताबिक विकलांगता प्रमाण-पत्र बनाने से लेकर नौकरी व पेंशन पाने तक के लिए दिव्यांगों को कड़ी धूप, बरसात और सर्दी में दौड़ भाग करनी पड़ती है। उनके लिए चल रहीं अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी उन तक नहीं पहुंच पा रहा है। इसके लिए शासन के आदेश अनुसार दिव्यांग जनों को परेशानियों से राहत प्रदान करने के लिए गोविंदगढ़ सीएचसी पर विशेष शिविर का आयोजन किया गया। लेकिन शिविर में जिन चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई वो अपनी जिम्मेदारियों के प्रति गम्भीर नजर नहीं आए।
जिला प्रशासन ने दिव्यांग प्रमाण-पत्र बनाने के लिए डॉक्टरों की कमेटी तो बना दी गई है, लेकिन 12:30 बजे तक शिविर में BCMHO, प्रभारी चिकित्सक सहित अन्य चिकित्सक मौजूद नहीं मिले। ऐसे में दिव्यांगजन एवं परिजन भारी परेशान दिखाई दिए। लोग सुबह से ही पंजीकरण कराने शिविर स्थल पर पहुंच गए हैं, लेकिन साढ़े बारह बजे तक कमेटी में शामिल एक भी डॉक्टर कैंप में नहीं पहुंचता। ऐसे में दिव्यांग सुबह से दोपहर तक अस्पताल में ही बैठे रहते हैं।
दिव्यांगों के परिजन सुभान एवं असीन ने बताया कि वे अपने बच्चों के प्रमाण पत्र बनवाने के लिए विशेष दिव्यांग शिविर में सुबह 10 बजे पहुंचे थे, लेकिन दोपहर के 12:30 बजे के बाद भी तस्वीर में लगाए गए डॉक्टर कैंप में नहीं पहुंचे। ऐसे में सुबह से हमारे दिव्यांग बच्चे परेशान हो रहे हैं, लेकिन कोई सुध नहीं ले रहा है।
बीसीएमओ एन.के. अग्रवाल ने बताया कि मैं अभी मीटिंग में हूं, मुझे इस मामले की कोई जानकारी नहीं है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अलवर योगेंद्र शर्मा ने बताया कि अभी यह मामला मेरे संज्ञान में आया है, जिन चिकित्सकों की ड्यूटी शिविर में लगाई गई थी उनकी व्यवस्था जल्द ही करवाई जा रही है।