सनातन की महिमा अपरंपार, सनातन जीवन का सार
भीलवाड़ा (राजकुमार गोयल ) उपनगर पुर में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर पुर भीलवाड़ा में चल रही श्री शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन की कथा के अंतर्गत श्री वृंदावन धाम से पधारे कथा व्यास परम श्रदेय श्री नंदकिशोर भारद्वाज जी महाराज ने कथा के मध्य में सनातन धर्म पर प्रकाश डालते हुए कहा!कि सनातन धर्म आदि अनादि काल से चला आ रहा है केवल एकमात्र धर्म है वह है सनातन सनातन को छोड़कर जीव की अन्य कहीं भी गति नहीं है जब सृष्टि नहीं थी तब सनातन था आज सृष्टि है तब भी सनातन है जब सृष्टि नहीं रहेगी तब भी सनातन ही एकमात्र रहेगा सनातन के विचारों को सभी के जीवन में उतरने कि आज के युग में बहुत ही अति आवश्यकता है