घुमंतू परिवारों के बच्चों के साथ मनाया जन्मदिन :समाज में वंचित तबके की मदद और सहयोग का बढ़ा रुझान
भरतपुर, राजस्थान
समाज में वंचित तबके की मदद और सहयोग करने का रुझान धीरे धीरे बढ़ रहा है और लोग यथासंभव इनका सहयोग कर रहे हैं। आजकल लोग अपने छोटे छोटे कार्यक्रमों को इस वंचित तबके के बीच जाकर आयोजित कर रहे हैं अथवा अपने कार्यक्रमों में इन वंचित तबके को सम्मिलित कर रहे हैं। इसी का एक उदाहरण देखने को मिला जब विजयकांत शर्मा, प्रोपराइटर बांके बिहारी एंड कंपनी, नई मंडी, भरतपुर द्वारा अपनी धर्मपत्नी रेखा शर्मा का जन्मदिन आदर्श विद्या मंदिर, रंजीत नगर भरतपुर के महाराणा प्रताप छात्रावास में निवास कर रहे घुमंतू परिवारों के बच्चों के बीच जाकर मनाया। जन्मदिन मनाते समय बच्चों की खुशी देखने लायक थी और उनके द्वारा रेखा शर्मा के ऊपर पुष्प वर्षा कर जन्मदिन की बधाइयां दी गई।विजयकांत शर्मा जी का परिवार भी बहुत प्रसन्नता महसूस कर रहा था। इस मौके पर उपस्थित सभी लोगों ने खूब मौज-मस्ती करते हुए जन्मदिन कार्यक्रम का आनंद लिया।
शर्मा द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा इस तरह का कार्यक्रम पहली बार मनाया गया, लेकिन अब भविष्य में नियमित रूप से महाराणा प्रताप छात्रावास के बच्चों के बीच आकर कार्यक्रम आयोजित करते रहेंगे। सर्व प्रथम रेखा शर्मा द्वारा भगवान की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर पूजा अर्चना की गई और ईश्वर को नमन किया गया। इसके बाद महाराणा प्रताप छात्रावास के बच्चों द्वारा ढोल नगाड़े बजाकर खुशी व्यक्त की गई और रेखा शर्मा के जन्मदिन को भांगड़ा नृत्य करते हुए पूरे जोश और उत्साह के साथ मनाया। अंत में विजयकांत शर्मा द्वारा महाराणा प्रताप छात्रावास के सभी बच्चों को भोजन कराया गया। इस मौके पर महाराणा प्रताप छात्रावास अधीक्षक बीरेंद्र बिष्ट, संजय अग्रवाल, रजनी बिष्ट, कार्यकारिणी सदस्य योगेश कुमार शर्मा, महाराणा प्रताप छात्रावास से नियमित रूप से जुड़े हुए राधारमण शर्मा इत्यादि द्वारा महाराणा प्रताप छात्रावास की ओर से रेखा शर्मा को उनके जन्मदिन के अवसर पर बधाइयां और शुभकामनाएं देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की और सफ़ल, समृद्ध और जीवन की कामना की। जन्मोत्सव कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों ने बहुत अच्छा महसूस किया और रेखा शर्मा को जन्मदिन के लिए बारंबार शुभकामनाएं दीं।
महाराणा प्रताप छात्रावास कार्यकरिणी सदस्य तथा छात्रावास में निवास करने वाले बच्चों के प्रति समर्पित संजय अग्रवाल द्वारा समाज और आम जनता से अपील की गई कि अगर हम लोग अपनी सोच में थोड़ा सा बदलाव लाएं और अपने घरों में मनाए जाने वाले छोटे-छोटे कार्यक्रमों को इन घुमंतू परिवारों के बच्चों के बीच जाकर मनाएं तो समाज से विरक्त और वंचित परिवारों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने में सहायता मिलेगी और हम लोग सामाजिक समरसता का एक नायाब उदाहरण प्रस्तुत कर सकेंगे।