गुरला में फूलों की बमपर पैदावार, त्यौहारों पर हुए व्यवसाय से चलता हैं घर, प्रदेश के बाहर भी रहती है मांग
गुरला :- (बद्रीलाल माली)। उदयपुर हाइवे गुरलां कस्बे में वर्ष पर्यंत हर तीज त्यौहारों पर पूजा अर्चना करने के काम में आने वाले कई किस्मों के फूल यहां उगाए जाते हैं। जिनकी मांग प्रदेश के साथ ही दूसरे राज्यों में भी रहती है। इनकी खेती के लिए यहां राजमार्ग पर कस्बे से बाहर रणजीत सागर नाम से बड़ा तालाब बना हुआ हैं, जो बारिश के अलावा मातृकुंडिया नहर के पानी से हर वर्ष लबालब होकर छलक जाता हैं। जिससे यहां के किसानों को वर्षपर्यंत खेती के लिए समुचित पानी मिलता रहता हैं। इस पानी से फूल व फल की खेती के साथ ही साथ रबी व खरीफ की फसलों की भी यहाँ बम्पर पैदावार होती हैं नतीजन यह कस्बा अन्य कस्बों से अधिक अच्छी पैदावार करता आया हैं।
किसानों ने बताया कि यच्ती व उखन किया के किसानों ने बताया कि अच्छी व उन्नत किस्म के फूलों के बीज मध्यप्रदेश के रतलाम व अजमेर तीर्थराज पुष्कर से महंगे भाव में मंगवाकर उनका रोपण कर पैदावार ली जाती हैं। जिसको नवरात्रा व दीपावली के साथ ही अन्य तीज त्योहारों पर खुदरा व थोक के भावों में बेचे जाते है। श्याम लाल माली ने बताया कि शारदीय नवरात्रा व उसके बाद दीपावली के पर्व पर हर साल की तरह इस वर्ष भी फूलों की बम्पर पैदावार हुई हैं। खास बात ये हैं कि इन हजारे के फूल को गुरलाँ के सभी किसान बुआई करतें हैं और त्यौहार के दौरान मजदूरों द्वारा फूलों को तुड़वाने व माला बनवाने का काम भी युद्धस्तर पर किया जा रहा हैं। माली परिवार के साथ अन्य मजदूरों द्वारा तैयार फूलों की ये मालाएं दीपावली पर भीलवाड़ा जिले के अलावा अजमेर, राजसमंद, चित्तौडगढ़, कांकरोली, नाथद्वारा के अलावा आसपास के राज्यो के व्यापारी भी यहां आकर ले जाते हैं।
लक्ष्मण लाल माली ने बताया कि हजारे के साथ ही। गुरलां में गुलाब की खेती भी बम्पर स्तर पर की जाती हैं इन गुलाब के फूलों को भीलवाड़ा कृषि मंडी, सुचना केंद्र चौराहा व सुबह की सब्जी मंडी जैसी जगहों पर ले जाकर प्रति कीलों के भाव से बेचे जाते हैं।मध्यप्रदेश रतलाम निवासी निखिल महेता सुनिल पाठक अंकीत प्रजापति ने बताया कि हमारी फर्म पिछले 32 वर्षों से निरंतर नई नई किस्मे विदेशो से आयात करती आई हैं, हमारा माल न्यूजीलैंड, फ्रांस, थाईलैंड, इटली, कोरिया से आता है एवम इस माल की सप्लाय हम पूरे भारत अनेक राज्य जैसे - महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान गुजरात, पंजाब, जम्मू कश्मीर तक करते हैं। हम गेंदे में उच्च हाइब्रिड किस्म की नई नई प्रजाति हर वर्ष किसानों के लिए देते रहते हैं इस वर्ष सबसे ज्यादा अच्छा उत्पादन एवम बीमारी के प्रति सहनशील जिनाया सीड्स का भीम येलो प्लस एवम बूस्टर येलो किसानों की पहली पसंद बना हुआ हैं राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा फुल गुरला में होते हैं।