अनाज मंडी जैसी सरकारी कैंटीन नहीं, माल बिकने के बाद ही खा पाते हैं खाना
रोजाना 7 लाख तक कृषक कल्याण टैक्स जमा फिर भी प्याज मंडी में किसानों को सुविधा नहीं
खैरथल ( हीरालाल भूरानी )
खैरथल की प्याज मंडी में गुरुवार को करीब एक लाख कट्टे प्याज की आवक हुई। कारोबारियों ने बताया कि प्याज के दाम 40 से 55 रुपए प्रति किलो रहे। जिससे मंडी में लगभग 18 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। किसानों और व्यापारियों को प्याज की बढ़ती मांग और उचित दामों से लाभ हुआ है, बावजूद इसके, मंडी में बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।किसानों के लिए सुविधाओं का अभाव, कैंटीन और पेयजल की कमी: खैरथल प्याज मंडी में रोजाना 5 से 7 लाख रुपए कृषक कल्याण टैक्स के रूप में जमा होते हैं। इसके बावजूद किसानों के लिए मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। मंडी में न बैठने की व्यवस्था है और न ही पेयजल की सुचारू व्यवस्था। किसानों के लिए भोजन की सरकारी कैंटीन केवल अनाज मंडी में है, जो कि प्याज मंडी से काफी दूर है। इसलिए मजबूरी में किसानों को निजी कैंटीन में महंगे दाम पर भोजन करना पड़ता है। व्यापार समिति के अध्यक्ष सर्वेश गुप्ता ने जिला कलेक्टर से प्याज मंडी में इन - सुविधाओं में सुधार की मांग की है, ताकि किसानों को राहत मिल सके।
एकमात्र प्रवेश व निकास द्वार के कारण रोजाना जाम, स्कूली बच्चे भी हो रहे परेशान
प्याज मंडी में प्रवेश के लिए सिर्फ एक ही द्वार है, जिससे प्रतिदिन सुबह 6 से 9 बजे तक जाम की समस्या उत्पन्न होती है। बाइपास पर लगने वाले इस जाम में अक्सर स्कूली बच्चों की बसें भी फंस जाती हैं, जिससे बच्चों को स्कूल पहुंचने में देरी होती है। गत वर्ष भी इस समस्या से सामना करना पड़ा था इसलिए किसानों और व्यापारियों ने प्रशासन से दूसरा दूसरा प्रवेश द्वार खोलने और जाम की समस्या के समाधान की मांग की है। मंडी सचिव सुरेंद्र सैनी के अनुसार, किसानों के लिए मंडी में दो पानी के टैंकर उपलब्ध हैं और अनाज मंडी में मुफ्त कैंटीन भी चालू है, जहां किसान भोजन कर सकते हैं। परंतु किसान इस व्यवस्था से असंतुष्ट हैं, क्योंकि उन्हें अपनी फसल छोड़कर अनाज मंडी तक जाना पड़ता है देशभर में अपनी पहचान बना चुकी खैरथल की प्याज मंडी में किसानों और व्यापारियों के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाओं का अभाव चिंता का विषय है। इन समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।