एयर क्वालिटी इन्डेक्स ( AQI) के लगातार बढ़ने के कारण आमजन को स्वस्थ्य विभाग ने बचाव के लिए बताए उपाय
खैरथल (हीरालाल भूरानी) जिला कलेक्टर, खैस्थल तिजारा द्वारा साप्ताहिक बैठक में दिये गये निर्देशो की पालना में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी खैरथल तिजारा द्वारा बताया गया कि जिले में प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों स्रोतों से प्रभावित होता है। वायु प्रदूषण के मुख्य कारणों में निम्न शामिल हैं. औद्योगिक गतिविधियाँ, हया के बहाव में कमी आना दिवाली के अवसर पर अत्यधिक आतिशबाजी वाहनी की संख्या में अत्यधिक वृदधि जंगल की आग और धूल भरी आँधी जैसी प्राकृतिक घटनाएँ के कारण मौसम विभाग द्वारा एअर क्वालिटी इन्डेक्स (AQI) के लगातार बढ़ने के कारण आमजन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
प्रभाव :-
- तत्कालिक प्रभाव सिरदर्द, चक्कर आना, आँखों में जलन व खुजली होना, श्वास लेने में तकलीफ, खाँसी, छाती में तकलीफ, त्वचा में इरिटेशन आदि समस्या / प्रभाव होते हैं।
- लम्बे समय प्रदूषण युक्त हया श्वास लेने पर लकया (स्ट्रोक), हर्ट अटैक, अन्त्यमा, प्रोन्काईटिस पफेफड़ों का केन्सर होते है।
बचाव :-
- प्रदूषण से बचने के लिये घर में अन्दर रहे, श्वास फूलने तथा आँखो में जलने तथा चक्कर आने पर डॉक्टर से सलाह लेने घर पर गैस के चूल्हे का उपयोग किया जाये।
- हैवी ट्रैफिक व भीडभाड़ वाले क्षेत्रो में पजहाँ भवन निर्माण गतिविधि आदि संचालित होती है जाने से बचें।
- जल्दी सुबह और लेट सांयकालीन समय पर घर के खिड़की दरवाजे बंद रखे।
- ज्यादा एअर क्यालिटी इन्डेक्स (AQI) होने पर मॉर्निंग व ईवनिंग वॉक पर नहीं जाये।
- पटाखे, पराली, लकड़ी प प्लास्टिक, कृषि उत्पाद ना जलाये।
- आँखो को बार-बार साफ गुनगुने पानी से धोये।
- स्वस्थ रहने के लिये ज्यादा सब्जी व फल के साथ पानी पिये।
- ज्यादा प्रदूषण की स्थिति में घर से बाहर जाने की आवश्यकता हो तो मास्क का उपयोग करे।
उच्चा जोखिम वाले आमजन जैसे छोटे बच्चे मुद्दजन गर्भपती महिला ट्राफिक पुलिस कमी, सफाई कर्मी, गम्भीर बीमारियों से पीड़ित मरीज, फेफड़े की बीमारी से पीड़ित आमजन आदि को प्रदूषण से बचाव हेतु अतिरिका सावधानी की आवश्यकता रहती है।