गौमाता का मन पवित्र निर्मल और सरल होता है - स्वामी ओमानंद महाराज
भीलवाड़ा ( राजकुमार गोयल) धोरीमन्ना उपखण्ड के आस-पास संचालित 25 गौशालाओं के संचालकों की बैठक आयोजित की गई। मीडिया प्रभारी जगदीश प्रसाद विश्नोई ने बताया कि हेल्प गौशाला ग्रुप के सहयोग से श्री गौमाता गौशाला संस्थान गडरा में गौशालाओं की विभिन्न समस्याओं को लेकर एक दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की गई।हेल्प गौशाला ग्रुप के संचालक आई पी माहेश्वरी ने बैठक को संबोधित करते हुए बताया कि हम सभी को मिलकर यह चर्चा करनी होगी कि गौमाता को किस तरह सुरक्षित रखें और गौ नस्ल संवर्धन पर कार्य करना होगा।इसके अलावा छोटी-छोटी गौशालाओं को सहयोग कर उन्हें व्यवस्थित संचालित करना है व उन्हें सरकार से अनुदान प्राप्त करने में सहयोग करना है।श्री प्रेमदास गौशाला के संचालक आचार्य स्वामी ओमानंद महाराज ने गौमाता का महत्व बताते कहा गावो विश्वश्य मातर: ।गौमाता का मन पवित्र निर्मल और सरल होता है।गाय की सेवा करने से इंसान का मन भी निर्मल पवित्र और सरल हो जाता है।गाय की सेवा करना सबसे बड़ा पुण्य माना जाता है।गाय की सेवा करने से सभी तरह के श्रेय और कल्याण मिलता है।गाय की सेवा करने से मानव का इयलोक और परलोक दोनों सुधरता है।मीटिंग के समापन पर स्थानीय संस्थान के कोषाध्यक्ष बाबुलाल खिचङ ने गौशालाओं के सभी संचालकों का आभार प्रकट करते हुए गौशाला विकास के लिए हमेशा जुड़े रहने की अपील की।