5 जून को मनाया जाएगा गंगा दशहरा का पर्व

लक्ष्मणगढ़ (अलवर/ कमलेश जैन) हिन्दू धर्म में गंगा को देवी माँ का दर्जा दिया गया है। यह माना जाता है कि जब माँ गंगा स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरित हुई तो वह ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि थी, तभी से इस तिथि को गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है।
योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि गंगा भारतीय संस्कृति की प्रतीक एवं हजारों साल की आस्था की पूंजी है। शास्त्रों में कहा गया है कि गंगा का पानी अमृत व मोक्षदायिनी है।
गंगा दशहरा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो गंगा नदी की पूजा के लिए समर्पित है। यह त्योहार गंगा को संरक्षित और सुरक्षित रखने के महत्व को भी दर्शाता है, जो हिन्दू धर्म में अत्यधिक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है।
गंगा दशहरा का महत्व - गंगा दशहरा को लेकर यह धार्मिक मान्यता है कि इस दिन ही मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं। गंगा दशहरा पर पवित्र गंगा नदी में स्नान जरूर करना चाहिए। अगर आपके लिए ऐसा कर पाना संभव न हो तो आपको घर पर ही स्नान करते हुए पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लेना चाहिए। इस दिन मां गंगा की पूजा-अर्चना की जाती है।
गंगा दशहरा पर इन वस्तुओं का करें दान - गंगा दशहरे के पर्व पर गरीब और जरूरतमंद लोगों को दान करने का विशेष महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि गंगा दशहरा पर दान की जाने वाली वस्तुओं की संख्या 10 होनी चाहिए। इस दिन आप 10 फल, 10 पंखे, 10 सुराही, 10 छाते या फिर 10 हिस्से अन्न का दान कर सकते हैं।






