मानव जीवन को सुखद बनाने के लिए सत्संग जरूरी- साई सुगणुमल
हिंगलाज माता का दो दिवसीय वार्षिक मेला हर्षोउल्लास से मनाया
खैरथल (हीरालाल भूरानी ) थल्हेवारी दरबार राजकोट के साई सुगणोमल ने कहा कि मानव जीवन में सत्संग की बड़ी आवश्यकता है हमारे जीवन में सत्संग को अपनाए बिना सुख, शांति की कल्पना नहीं की जा सकती।ये प्रवचन थल्हेवारी दरबार राजकोट के साई सुगणोमल ने खैरथल के निकटवर्ती गांव वल्लभग्राम में स्थित प्राचीन हिंगलाज माता मंदिर के वार्षिक मेला उत्सव के दौरान रविवार को आयोजित सत्संग प्रवचन कार्यक्रम के दौरान कहे। इस दौरान भगत साहेब गोटुमल, हिंगलाज माता मंदिर प्रभारी संत भानु साई, दरबार साहिब मोठूका के संत लाल भगत ने भी सत्संग के माध्यम से सभी को मोक्ष को पाने का रास्ता बताया। स्वामी लीलाशाह धर्मार्थ ट्रस्ट अध्यक्ष वासदेव दासवानी एवं समाजसेवी अशोक चचलानी ने बताया कि पूज्य सिन्धी पंचायत वल्लभग्राम के सहयोग से आयोजित हिंगलाज माता के दो दिवसीय वार्षिक महोत्सव में शनिवार को प्रातः10:15 बजे विधि विधान से ध्वजारोहण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।दोपहर 1 बजे भंडारे का आयोजन किया गया। साय 5 बजे गांव के मुख्य मुख्य स्थानों से सेकड़ो महिलाओं द्वारा कलश यात्रा निकाली गई। रात्रि 8 बजे भंडारे के बाद सभी संत महात्माओं ने संत्सग प्रवचन किया साथ ही राजकोट की कासम पार्टी की ओर से भजन प्रस्तुत किये गए।12 मई रविवार को प्रातः 7:15 बजे महा आरती की गई। सुबह 8:15 बजे हवन यज्ञ में विश्व शांति के लिए आहुति दी गई। प्रातः 11 बजे सभी संत महात्माओं द्वारा सत्संग प्रवचन का आयोजन किया गया।दोपहर 1 बजे सैकड़ों लोगों ने हिंगलाज माता के दर्शन कर भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया इसके बाद दोपहर 3 बजे थल्हेवारी दरबार राजकोट के साई सुगणोमल ने पल्लव पाकर दो दिवसीय वार्षिक मेले का समापन किया।मेले के दौरान राजस्थान, गुजरात दिल्ली, मुम्बई,नैनीताल सहित आसपास के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने मेले में शिरकत की।
इस दौरान पूज्य सिन्धी पंचायत खैरथल अध्यक्ष मुखी मनोहरलाल रोघा,पूज्य सिन्धी पंचायत अलवर जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश रोघा, पूज्य सिंधी पंचायत खैरथल के वरिष्ठ प्रवक्ता हीरालाल भूरानी, पत्रकार एवं मोनटिवेशनल ब्लागर प्रमोद केवलानी,स्वामी ध्यानगिरी सेवा समिति अध्यक्ष गोविंद रोघा, मुखी तेजुमल रामचंदानी, मुखी वासदेव दासवानी, समाजसेवी अशोक चचलानी,व्यापार महासंघ अध्यक्ष परमानंद लख्यानी, सुभाष निहलानी,विनेश सिरवानी,नारायणदास बालानी, गिरधारीलाल ज्ञानानी, विजय बच्चानी,मुखी अशोक महलवानी,मुखी टीकमदास मुरजानी,नत्थूमल रामनानी, चेलाराम रोघा,गुरुमुखदास आहूजा,कुंदन मनवानी आदि मौजूद रहे।