सावन माह में खैरथल के लक्ष्मीनारायण मंदिर में होती है शिव दरबार की पूजा
खैरथल (हीरालाल भूरानी ) जिला मुख्यालय की पुरानी अनाज मंडी स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में श्री राजेश्वर ज्योतिलिंग्म लिंगराज महादेव का मंदिर है। इस मंदिर में शिव दरबार है। जिसमें शिव दरबार में शिवलिंग के अलावा भगवान वैश्रवण, भगवान सुब्रमण्यम स्वामी, भगवान विनायक, मां गिरिजा चतुर्भुज रूप में है। भगवान कीर्तिमुख व भगवान वीरभद्र शिव दरबार के द्वार रक्षक के रूप में विराजमान हैं। सावन में इसकी पूजा का विशेष महत्व बताया है।
लक्ष्मी नारायण मंदिर के महंत शशि भूषण गल्याण मिश्र ने बताया कि उत्तर भारत में शिव दरबार वाला पहले मंदिर की स्थापना उन्होंने खैरथल में की है।मिश्र ने बताया कि सावन में भगवान शिव की पूजा करने का महत्व उन्होंने शिव पुराण में पढ़ा। उसके बाद उन्होंने मध्यप्रदेश के ओम्कारेश्वर में नर्मदा नदी नदी से शिवलिंग की स्थापना के लिए प्रतिमा को खैरथल लेकर आए। उन्होंने बताया कि शिव दरबार की स्थापना से पहले उन्होंने ओम्कारेश्वर,नलदेश्वर, उज्जैन के महाकाल मंदिर में शिवलिंग को स्पर्श कराने के साथ ही तीनों स्थानों पर आलिंगन व प्राण डालने का कार्य कराया। इसके बाद उसे लक्ष्मी नारायण मंदिर में स्थापित किया।