15 सितम्बर तक ग्राम पंचायतों में होंगी किसान संगोष्ठियांः रबी सीजन में डीएपी की बजाए एसएसपी व यूरिया के उपयोग को प्राथमिकता-
कोटपूतली-बहरोड़ 2 सितंबर। कोटपूतली-बहरोड़ जिले में इस बार मानसून की अच्छी बारिश से पानी की पर्याप्त आवक के चलते रबी सीजन में फसलों का क्षेत्रफल बढ़ने की संभावना है। संयुक्त निदेशक कृषि (विस्तार) श्री महेन्द्र कुमार जैन ने बताया कि फसलों की बुवाई के समय किसानों द्वारा फॉस्फेटिक उर्वरक के रूप में डीएपी के उपयोग का प्रचलन अधिक है।
किसानों द्वारा फॉस्फेटिक उर्वरक के रूप में केवल डीएपी पर अधिक निर्भर होने के कारण मांग के अनुरूप डीएपी खाद उपलब्ध कराने में कठिनाई आती है एवं भूमि में संतुलित पोषक तत्त्वों की भी आपूर्ति नहीं होती है। ऐसे में समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन के उद्देश्य से उर्वरकों के संतुलित उपयोग के लिए जिले के किसानों को कृषि विभाग के माध्यम से आवश्यक तकनीकी सलाह के लिए आगामी रबी सीजन से पूर्व 2 से 15 सितंबर तक प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर किसान संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। जिसमें किसानों एवं स्थानीय कृषि आदान विक्रेताओं एवं विभिन्न उर्वरक निर्माता कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी बुलाया जाएगा। किसान संगोष्ठी में किसानों को कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन के उद्देश्य से संतुलित उर्वरक उपयोग के बारे में आवश्यक तकनीकी सलाह दी जाएगी। इसके लिए जिले के समस्त सहायक कृषि अधिकारी, कृषि पर्यवेक्षकों एवं कृषि आदान विक्रेताओं को आवश्यक निर्देश दिए गए है।
सिंगल सुपर फास्फेट का हो उपयोग- उन्होने बताया कि किसान बुवाई के समय डीएपी खाद के विकल्प के रूप में 1 बैग डीएपी के स्थान पर डीएपी खाद के विकल्प के रूप में 1 बैग डीएपी के स्थान पर 3 बैग सिंगल सुपर फास्फेट (एसपी) व 1 बैग यूरिया का उपयोग करें। सिंगल सुपर फास्फेट ने उपलब्ध फास्फोरस तत्व के अलावा अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की लागत डीएपी में उपलब्ध पोषक तत्वों की लागत से कम होती है।
कार्बनिक खादों का उपयोग बेहद फायदेमंद- भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाये जाने हेतु कार्बनिक खादों यथा गोबर खाद, कम्पोस्ट खाद, वर्मी कम्पोस्ट, खली, प्रोम, फोम, एलफॉम, ऑर्गेनिक मैंन्योर इत्यादि का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए। उर्वरकों की लागत को कम करने एवं भूमि की उर्वरा शक्ति एवं उत्पादन बढ़ाने में सहायक न्यूएज तरल उर्वरक नैनो यूरिया, नैनो डीएपी का उपयोग करना चाहिए। किसान खेतों से मिट्टी नमूनें की जांच के आधार पर बनाए गए, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार भूमि में उर्वरकों का उपयोग करें।
- भारत कुमार शर्मा