गोविंदगढ़ के बाद रामगढ महाविद्यालय के गेट पर विद्यार्थियों ने जड़ा ताला: स्टाफ की कमी व मूलभूत सुविधाओं के अभाव से आक्रोशित होकर दी भूख हड़ताल की चेतावनी

आक्रोशित छात्र छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन व राजस्थान सरकार और विधायक साफिया खान के खिलाफ जमकर लगाए मुर्दाबाद के नारे लगाए

Oct 10, 2022 - 23:40
Oct 11, 2022 - 00:55
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गोविंदगढ़ के बाद रामगढ महाविद्यालय के गेट पर विद्यार्थियों ने जड़ा ताला: स्टाफ की कमी व मूलभूत सुविधाओं के अभाव से आक्रोशित होकर दी भूख हड़ताल की चेतावनी

रामगढ़ (अलवर,राजस्थान/राधेश्याम गेरा) राजस्थान सरकार और स्थानीय राजनेता लगातार शिक्षा को बढ़ावा देने की राजनीतिक मंच पर बार-बार करते दिखाई देते हैं लेकिन स्थानीय विधायक के क्षेत्र में जहां विद्यार्थियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सरकारी महाविद्यालय तो खोल दिया गया लेकिन सुविधाएं अभी तक नहीं दी गई है जिसके चलते छात्र छात्राओं को काफी असुविधा हो रही है कहीं कहीं भवन तो कहीं स्टाफ की कमी को लेकर छात्र छात्राएं आंदोलन की राह चुनते नजर आ रहे हैं
राजकीय महाविद्यालय रामगढ़ में सोमवार को महाविद्यालय में अध्ययन छात्र छात्राओं ने छात्रसंघ अध्यक्ष के नेतृत्व में सैकड़ों बालक बालिकाओ ने कॉलेज गेट पर ताला जड़ दिया। इतना ही नहीं विद्यार्थियों ने मांगे पूरी नहीं होने पर भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन की चेतावनी भी दे दी, विद्यार्थियों का कहना है कि यदि मांगे पूरी नहीं हुई और हमें आंदोलन करना पड़ता है तो इसके लिए केवल प्रशासन जिम्मेदार रहेगा

अध्ययनरत विद्यार्थियों ने बताया कि बरसात के इन दिनों में भारी वर्षा के कारण कस्बे के बहादुरपुर रोड पर स्थित प्राइमरी स्कूल की पुरानी बिल्डिंग में चल रही कॉलेज की अधिकतर सभी छतें टपक रही है। कॉलेज कैंपस में पानी भर हुआ है। टॉयलेट की कोई सुविधा नहीं जिससे कि महिलाओं को भारी परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है।
पूर्व में विधायक द्वारा नए भवन के लिए जमीन आवंटन की घोषणा की गई थी। लेकिन अभी तक महाविद्यालय का जीर्णोद्धार नहीं होना विधायक की बातों को एक चुनावी वादा प्रदर्शित करता है। सोमवार को छात्रों ने ताला लगाकर स्टाफ की कमी पूरी करने व नए भवन बनने तक इस पुराने बिल्डिंग में सुविधाएं सुचारु रुप से प्रारंभ करने की मांग रखी है। कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष मुन्फैद खान, जितेंद्र यादव ,संदीप, घनश्याम, मनीषा, रानी, रामेश्वर सैनी, दिनेश कुमार, निशा,सहित अनेक दर्जन छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

-:: स्टाफ की कमी को लेकर विधानसभा क्षेत्र में पहले महाविद्यालय के गेट पर चढ़े जा चुके हैं ताले ::- 

विधानसभा क्षेत्र के गोविंदगढ़ कस्बे स्थित राजकीय महाविद्यालय वर्ष 1998 में प्रारंभ हुआ और आज महाविद्यालय को लगभग 24 वर्ष हो चुके हैं लेकिन महाविद्यालय में लेक्चरर की कमी को सरकार के द्वारा अभी तक पूरा नहीं किया गया है वर्ष 2018 में  विद्यार्थियों के द्वारा आंदोलन भी किया गया था जिसमें विद्यार्थियों के खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किए गए थे उस समय भाजपा की सरकार थी और उन्होंने भी महाविद्यालय में लेक्चरर की नियुक्ति के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया था

जिसके बाद पूर्व विधायक जुबेर खान के द्वारा विद्यार्थियों को आश्वासन भी दिया गया था कि उनकी सरकार आने पर यहां पर लेक्चरर लगाए जाएंगे लेकिन कांग्रेस सरकार के आने के बाद मेवात विकास बोर्ड के चेयरमैन पद पर जुबेर खान आसीन है तब भी विद्यार्थियों की यह मांग पूरी नहीं हुई वही गोविंदगढ़ क्षेत्र की रसूखदार नेताओं ने स्वयं अपनी गारंटी लेते हुए जल्द ही लेक्चरर लगवाए जाने का आश्वासन दिया था और वह आश्वासन भी खोखले साबित हुए वह केवल वहां पर राजनीतिक रोटियां सेकने ही पहुंचे थे

-:: 16 जुलाई 2018 को लेक्चरर की नियुक्ति को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे विद्यार्थी ::-

1 अक्टूबर को गोविंदगढ़ महाविद्यालय में प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए लगे हुए कंप्यूटर ऑपरेटर 2 क्लर्क 1 फोर्थ क्लास 2 का टेंडर भी समाप्त कर दिया गया हालात यह थे कि आज महाविद्यालय में प्राचार्य एवं लेक्चरर को कमरों की सफाई करनी पड़ी क्योंकि महाविद्यालय में स्टाफ मौजूद नहीं था
30 सितंबर को प्राचार्य सुनीता टंडन का रिटायरमेंट हो जाने के बाद अब प्राचार्य का पद भी खाली है और प्राचार्य ने अपने कार्यकाल में जब प्लेसमेंट एजेंसी का टेंडर मार्च के महीने में समाप्त हो गया था सिर्फ अपने फायदे के लिए टेंडर को 1 वर्ष के लिए आगे नहीं बढ़ाया और कुछ महीने के लिए टेंडर को आगे बढ़ाया स्वयं का कार्यकाल समाप्त होते ही टेंडर भी समाप्त हो गया और जिसका खामियाजा अब विद्यार्थी भूकतेंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अर्थशास्त्र के प्रोफेसर प्रदीप कुमार महोलिया राजकीय महाविद्यालय राडावास में डेपुटेशन पर लगे हुए हैं जबकि उनकी सैलरी गोविंदगढ़ से दी जा रही है जिस कारण से गोविंदगढ़ कॉलेज में अर्थशास्त्र का लेक्चरर नहीं होने पर भी पद भरा हुआ है और यहां पर लेक्चरर नियुक्त नहीं हो पा रहा है लेकिन शिकायत करने के बाद भी सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है
वही कनिष्ठ लिपिक के पद पर तीन यहां पर लगाए गए हैं जो जोकि डेपुटेशन पर अन्य स्थानों पर लगाए हुए हैं यहां तक सहायक कर्मचारी भी डेपुटेशन पर कामां एवं सरवाड़ के महाविद्यालयों में लगाए गए हैं यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि राजनीतिक रसूख के चलते कर्मचारी अपना यहां से डेपुटेशन करा रहे हैं लेकिन जिस उद्देश्य से मेवात में सन 1998 में इस कॉलेज की स्थापना बच्चों की शिक्षा के लिए की गई थी वह सब निरर्थक साबित हो रही है,

हैरत की बात तो यह है कि शिक्षा के अधिकार से यहां पर विद्यार्थियों को वंचित रखा जा रहा है सरकार के द्वारा जहां रामगढ़ और बड़ौदामेव में महाविद्यालय खोल दिए गए है वही 24 साल पुराने इस कॉलेज में लेक्चरर की आज तक व्यवस्था नहीं होने से बच्चों के भविष्य पर सवाल खड़े हुए हैं।
गोविंदगढ़ महाविद्यालय में भी 6 अक्टूबर को विद्यार्थियों ने भी ताल ठोकते हुए अपनी मांगों को महाविद्यालय के गेट पर ताला जड़ दिया, जिस पर गोविंदगढ़ एसएचओ एवं तहसीलदार गोविंदगढ़ ने मौके पर पहुंचकर विद्यार्थियों को 15 अक्टूबर तक कॉलेज के स्टाफ की डेपुटेशन रद्द कराने एवं नई नियुक्तियों का आश्वासन दिया,, जिसके बाद छात्र-छात्राओं द्वारा महाविद्यालय के गेट पर लगे ताले को खोला गया छात्र-छात्राओं का कहना है कि यदि उनकी मांगे निर्धारित समय पर पूरी नहीं की गई तो वह बड़ा आंदोलन और भूख हड़ताल भी कर सकते हैं जिसके लिए प्रशासन स्वयं जिम्मेदार रहेगा

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