पांचवे दिन भी रेल्वे ट्रेक पर अडे रहे गुर्जर आन्दोलनकारी,कर्नल बैसला व सरकार के जवाब का दिन भर रहा इन्तजार

Nov 6, 2020 - 03:19
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पांचवे दिन भी रेल्वे ट्रेक पर अडे रहे गुर्जर आन्दोलनकारी,कर्नल बैसला व सरकार के जवाब का दिन भर रहा इन्तजार

बयाना भरतपुर

बयाना,सूरौठ 05 नवम्बर। गुर्जर आरक्षण आन्दोलनकारी गुरूवार को पांचवे दिन भी अपनी मांगो को लेकर पीलूपुरा रेल्वे ट्रेक पर अडे रहे। गुरूवार को आन्दोलन स्थल पर सुबह के समय लोगो की चहल पहल व भीडभाड काफी कम थी जो दोपहर बाद और लोगो के आने पर अन्य दिनो की भांति हो गई। इस दिन कर्नल बैसला स्वास्थ्य कारणो के चलते रेल्वे ट्रेक पर नही पहुंच सके। हालांकि दिन भर आन्दोलनकारियो को कर्नल बैसला व सरकार के दूत वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नीरज के पवन के वहां आने का इन्तजार रहा। जो सांय तक नही पहुंच सके थे। आन्दोलनकारी दिन भर आन्दोलन स्थल पर हुक्का गुडगुडाते आपस में आन्दोलन व मांगो एवं बैकलॉक को लेकर तरह तरह की चर्चाऐ करते रहे। इनमें कई लोग इनका मतलब भी नही बता सके। आन्दोलन स्थल पर जमे लोगो का साफ कहना था कि वह यहां से तभी हटेगें जब सरकार उनकी सभी मांगो को स्वीकार कर उन्हे उनका हक दे देगी। कर्नल बैसला की अनुपस्थिति में आन्दोलन का नेतृत्व उनके पुत्र जूनियर बैसला विजयसिहं करते रहे। कर्नल बेसला के खास सिपेहसालाहार रहे कैप्टेन हरप्रसाद तंवर व कैप्टन जगराम,भूराभगत आदि नेता भी आन्दोलन स्थल पर आन्दोलनकारियो की होंसला अफजाई देखे गऐ। रेल्वे ट्रेक पर अब आन्दोलनकारियो की ओर से  टेन्ट सामयाने भी लगाऐ है। आन्दोलन के पांचवे दिन भी आन्दोनकारियो के चाय नाश्ता व भोजन की व्यवस्था विभिन्न ग्रामीणो व लोगो की ओर से की गई थी।  

 

मीणा व बंसल ने भिजवाया सुबह का नाश्ता -पीलूपुरा रेल्वे ट्रेक पर जमे आन्दोलनकारियो के लिऐ गांव पीलूपुरा निवासी विजयसिहं मीणा व भाजपा नेता रिसीबंसल की ओर से सुबह कचैडी व जलेवी के साथ ही विस्कूट का नाश्ता उपलब्ध कराया गया। इस दिन गांव समोगर के ग्रामीणो के सामूहिक सहयोग से दोपहर के भोजन का प्रबन्ध किया गया था। इस भोजन में मिस्सी रोटी मिर्च का आचार, गुड व कैरसांगरी कढी आदि का भोजन परोसा गया। इसके अलावा वहां के स्थानीय ग्रामीणो की ओर से भी भोजन उपलब्ध कराया गया। 

 

विजय बैसला का प्रस्ताव रखा -आन्दोलन स्थल पर पांचवे दिन सुवह के समय कुछ युवाओ की ओर से कर्नल बैसला के नरम स्वस्थ्य के चलते इस आन्दोलन की बागडोर उनके पुत्र विजय बैसला के हाथो में सौपने का प्रस्ताव वहां मौजूद मीडियाकर्मियो के समक्ष रखा। कुछ देर बाद आन्दोलन में शामिल पंच पटेलो व अन्य लोगो ने बताया कि अभी यह समय इन बातो का नही है। फिलहाल कर्नल बैसला पूरे दमखम व कुशलता से आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे है। 

बयाना से राजीव झालानी की रिपोर्ट,,,,,

 

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