इंग्लिश मीडियम सरकारी स्कूल बंद करने की तैयारी मे सरकार: अशोक गहलोत बोले- इंग्लिश मीडियम स्कूलों को फिर से हिन्दी करना बेतुका
शिक्षा मंत्री बोले- अभी रिव्यू किया जा रहा है, इसके आधार पर होगा अंतिम निर्णय- - - शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि राजस्थान में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल की जरूरत को लेकर सरकार के स्तर पर रिव्यू किया जा रहा है। इसके बाद ही स्कूल चलेंगे या बंद होंगे इसको लेकर कोई फैसला होगा। सरकारी स्तर पर रिव्यू करने के साथ ही हम यह भी देखेंगे कि महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के अनुरूप है भी या नहीं है। इसी आधार पर अंतिम फैसला किया जाएगा।
राजस्थान में चल रहे 2000 से ज्यादा महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को हिंदी मीडियम में बदलने की तैयारी चल रही है। शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर अधिकारियों से इंग्लिश मीडियम स्कूल के मौजूदा हालात, टीचर्स की संख्या, स्टूडेंट की संख्या के साथ ही उसे फिर से हिंदी मीडियम में शुरू करने की सिफारिश मांगी है। इसके आधार पर फैसला कर शिक्षा विभाग इंग्लिश मीडियम स्कूल को फिर से हिंदी मीडियम में बदलेगा।
दरअसल, राजस्थान की पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने प्रदेश में लगभग 2070 सरकारी स्कूलों को अंग्रेजी मीडियम में कन्वर्ट कर उन्हें डेवलप किया था। इन स्कूलों को महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल का नाम दिया गया था। इन स्कूलों में दाखिले की निर्धारित प्रक्रिया पूरी कर गरीब परिवार के छात्र पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन प्रदेश में सरकार बदलने के बाद अब शिक्षा विभाग ने इसमें बदलाव की कवायद तेज कर दी है।
राजस्थान में महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल का रिव्यू करने के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने निशाना साधा है। अशोक गहलोत ने बीजेपी सरकार के फैसले को बेतुका और गरीब विरोधी बताकर इसका विरोध किया है।
अशोक गहलोत ने कहा- गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को अंग्रेजी शिक्षा देने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल शुरू किए थे। अगर इन स्कूलों में सुधार की आवश्यकता थी तो वर्तमान सरकार इसमें आवश्यक सुधार करती। लेकिन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को फिर से हिन्दी माध्यम करना बेतुका और गरीब और मध्यम वर्ग के विरोध में लगता है।
गहलोत ने कहा- हिंदी तो हम सभी की मातृभाषा है। लेकिन अंग्रेजी माध्यम बच्चों को रोजगार के नए अवसर देता है। हमारी सरकार ने स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों की मांग पर ही अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले थे। इनसे प्रदेश में एक अच्छा माहौल तैयार हुआ था। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से सरकार के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील भी की है।