उपखंड में बाल विवाह की आशंका को लेकर प्रशासन सख्त
लक्ष्मणगढ़ (अलवर) उपखंड अधिकारी मोहकम सिंह सिनसिनवार के दिशा निर्देशानुसार आगामी 10 मई को अक्षय तृतीया (आखातीज) के दिन क्षेत्र में बाल विवाह की आशंका को लेकर प्रशासन अलर्ट है। बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के अनुसार लड़के की आयु 21 वर्ष से कम तथा लड़की की आयु 18 वर्ष से कम पाई जाती है तो यह बाल विवाह है। जो कि एक गैर जमानती और संज्ञेय अपराध है। डीएसपी कैलाश जिंदल ने बताया कि ऐसी कुरीतियों पर रोक लगाने के लिए उपखंड क्षेत्र के सभी आमजन को अपना सहयोग देना चाहिए। उन्होंने बताया कि आमजन बाल विवाह की सूचना 1098 नंबर पर देकर बाल विवाह को रोक सकते हैं। उन्होंने जिले के सभी क्षेत्रों, गांवों के मौजिज प्रतिष्ठित व्यक्तियों, सरपंचों, आंगनवाड़ी सुपरवाइजर, आंगनबाड़ी वर्कर, टैंट हाउस, प्रिटिग प्रेस, विवाह समारोह स्थल, नगर पार्षदों व समाज सेवियों से अपील की है कि अगर किसी को बाल विवाह होने की सूचना लगती है ।तो इसकी सूचना प्रशासन को दें। उन्होंने बताया कि इस बारे में धार्मिक संस्थाओं जैसे मंदिर, गुरुद्वारे, मौलवी आदि से भी आग्रह किया है कि इस दिन शादी सम्पन्न करवाते हुए लड़का लड़की की उम्र का विशेष ध्यान रखें । थाना अधिकारी श्रीराम मीणा ने बताया कि जो बाल विवाह करवाता है, उसको बढ़ावा देता है या बाल विवाह कराने में किसी प्रकार की सहायता करता है तो उस व्यक्ति को पोक्सो एक्ट के तहत दो साल तक की कैद और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है। इसे रोकने के लिए आम जनता को प्रशासन की मदद करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि बाल्यावस्था होने के कारण लड़का लड़की शादी की जिम्मेदारी उठाने में सक्षम नहीं होते हैं। बाल विवाह होने से न तो लड़के और लड़की का शारीरिक व मानसिक विकास होता है तथा न ही वह परिवार की जिम्मेदारियां निभा सकते हैं।
- कमलेश जैन