मीना समाज ने वैवाहिक परिवादों का किया निस्तारण
मामा व फूफा के महत्व में कमी से पारिवारिक स्तर नहीं हो रहा समाधान
खंडेला (सुमेर सिंह राव) रविवार को मीना समाज के मातृ-संगठन राजस्थान आदिवासी मीना सेवा संघ की खंडेला तहसील की सामाजिक न्याय बैठक खंडेला मोड़ स्थित जीणमाता मंदिर परिसर में तहसील अध्यक्ष सायरमल मीना की अध्यक्षता तथा जिलाध्यक्ष सीमा मीना एवँ जिला महामंत्री बाबूलाल काँवट के पर्यवेक्षण में देर रात को सम्पन्न हुई। तहसील मंत्री हर्षराम मीना ने बताया कि एक वैवाहिक परिवाद का आदिवासियत परम्परा से सुनवाई एवँ समझाइस से निस्तारण किया गया और दूसरे में कमेटी गठित कर पक्षकार को अंतिम अवसर प्रदान करने का निर्णय लिया।
सीकर एवँ नीमकाथाना जिलाध्यक्ष सीमा मीना ने धैर्य तथा आपसी सम्मान में कमी से नवविवाहित दंपतियों में विवाद के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त करते हुए समाज से आह्वान किया कि परिवारों में मामा और फूफा की गरिमा तथा अनुभवी मध्यस्थता को पुनर्स्थापित करना चाहिए ताकि पारिवारिक विवादों का समाधान समय रहते पारिवारिक स्तर पर ही हो सके। जिला महामंत्री बाबूलाल काँवट ने वैवाहिक विवादों को लेकर आवेश में पुलिस एवँ न्यायालय में पसीने की कमाई और बच्चों के जीवन के महत्वपूर्ण समय की बर्बादी नहीं करने की अपील की क्योंकि चार-पांच वर्ष कोर्ट में चक्कर काटने के बाद परिवादी समाधान के लिए वापिस मातृ-संगठन के पास आ रहे है। मीटिंग में जिला कोषाध्यक्ष सीताराम मीना, खंडेला तहसील वरिष्ठ उपाध्यक्ष रामजीलाल मीना, उपाध्यक्ष रामलाल मीना, विधिमंत्री एडवोकेट सुभाष मीना व लीलाधर मीना, तहसील कार्यालय सचिव सोहनलाल मीना, बासडी सरपंच प्रतिनिधि कैलाश मीना, रामनिवास मीना नयाबास तथा पक्षकारों में मुनेश मीना प्रीतमपुरी, ठंड़ूराम मीना, अंजना मीना चौकड़ी, चौथमल मीना, संदीप मीना भूपसेरा-बानसूर, देवराज मीना तथा खंडेला ग्राम इकाइयों के पदाधिकारी भी अच्छी संख्या में उपस्थित रहे।