नीमकाथाना के पास भूदोली में बहुत बड़े संत हुए थे बिस्मदास जी महाराज
श्रद्धालु साल में दो बार करते हैं बाबा के आश्रम पर भंडारे , संतों का हर वचन अनमोल होता ह- मदनलाल भावरिया
नीमकाथाना (सुमेरसिंह राव) तहसील के भूदोली गांव में पहाड़ी की तलहटी में स्थित मंदिर में आज से कई सालों पहले एक बहुत बड़े तपस्वी संत हुआ करते थे जिनका नाम था श्री श्री 1008 श्री बिस्मदास जी महाराज जो की एक बहुत बड़े महान तपस्वी संत थे l बताया जाता है कि वह अपने भजन बाल से गुफा में जाने के बाद अपनी गुफा के ऊपर बहुत भारी शीला लगवा दी और यह भी कहा कि इसे हटाना मत कुछ भगत ग्राम भूदोली तीर्थ यात्रा पर हरिद्वार गए थे वहां पर कुछ लोगों को बाबा ने दर्शन दिया तो लोगों को बहुत बड़ा अचंभा हुआ कि बाबा तो यहां हरिद्वार है और वहां जाकर शीला का पत्थर हटाकर देखा तो बाबा वहां से आलोप हो गए थे l राष्ट्रीय सामाजिक जन चेतना मंच के अध्यक्ष एवं समाजसेवी मदनलाल भावरिया ने कहा कि संतों का हर वचन अनमोल होता है l हाल फिलहाल आश्रम पर श्री श्री 108 श्री रामदास जी महाराज विराजमान है l सैकड़ो श्रद्धालुओं ने सोमवार को आश्रम पर जाकर श्री रामदास जी महाराज से आशीर्वाद लिया l करीब 200 वर्ष से लोग यहां साल में दो बार भंडारा भी करते हैं जो की विशाल भंडारा सावन व भादवा महीने में होता है l लोग बताते हैं कि इस क्षेत्र में बाबा की कृपा से कभी ओलावृष्टि भी नहीं हुई लोग सुख शांति से यहां रहते हैं l इस दौरान हरफूल जाखड़, जगदीश जाखड़, महावीर यादव ,रामकुमार यादव ,सावल राम यादव, मांगीलाल यादव, सुभाष चंदेलिया प्रकाश चंद यादव सहित सैकड़ो भक्तों ने मंदिर परिसर में भंडारे में प्रसाद ग्रहण किया l