गबन के आरोपी ग्राम सेवा सहकारी समिति के पूर्व व्यवस्थापक को 3 वर्ष का साधारण कारावास
लक्ष्मणगढ़ अलवर
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संतोष मीणा ने गबन मामले में मौजपुर ग्राम सेवा सहकारी समिति के पूर्व व्यवस्थापक को 3 वर्ष के साधारण कारावास व अर्थ दंड की सजा सुनाई है।
कॉपरेटिव सोसायटी के अधिवक्ता भागचंद जैन ने बताया कि समिति चेयरमैन गिर्राज प्रसाद ने एक परिवाद न्यायालय के समक्ष पेश कर बताया था कि पूरनमल मौजपुर ग्राम सेवा सहकारी समिति का पूर्व व्यवस्थापक है। जो 1 अप्रेल 2005 से 31 मार्च 2007 तक इस समिति में व्यवस्थापक पद पर रहा। समिति की निरीक्षक सहकारी समिति की ओर से ऑडिट कर रिपोर्ट तैयार की गई, जिसमें आरोपी पूरनलाल द्वारा उक्त संस्था में कुल 5.28 लाख रुपए का गबन करने तथा कूटरचित दस्तावेज तैयार कर कैशबुक में हेराफेरी करने की बात सामने आई। सहकारी समिति निरीक्षक ने आरोपी को गबन के संबंध में नोटिस भी दिया था, जो नोटिस भी मुल्जिम को प्राप्त हो गया, लेकिन इसके बावजूद मुल्जिम ने न तो नोटिस का जवाब दिया और न ही गबन की राशि जमा कराई।
परिवाद पर न्यायालय के आदेश पर मामला दर्ज हुआ। बाद में पुलिस ने चालान पेश कर दिया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संतोष मीणा ने दोनों पक्षों की बहस व गवाह के बाद मौजपुर ग्राम सेवा सहकारी समिति के पूर्व व्यवस्थापक पूरनमल (73) निवासी मौलिया को दोषी मानते हुए तीन वर्ष के साधारण कारावास व कुल 19 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।