9 माह से कुक कम हेल्पर का नही मिला अल्प मानदेय: घर चलाने पर खड़ा हुआ संकट, काम छोड़ने को मजबूर

Oct 1, 2024 - 18:10
Oct 1, 2024 - 18:42
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9 माह से कुक कम हेल्पर का नही मिला अल्प मानदेय: घर चलाने पर खड़ा हुआ संकट, काम छोड़ने को मजबूर

गोविन्दगढ़, अलवर

गोविन्दगढ़ ब्लॉक के सरकारी विद्यालयो मैं अल्प मंडे पर कार्यरत कुक कम हेल्परों का मानदेय विगत 9 माह से नहीं मिलने के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है यही नहीं विभाग के द्वारा उन्हें ट्रेनिंग के लिए जयपुर तक ले जाया गया लेकिन मानदेय की शिकायत करने पर भी वहां बैठे अधिकारियों ने अभी तक इस और कोई ध्यान नहीं दिया। गोविन्दगढ़ ब्लॉक मैं 87 विद्यालयों में लगभग 180 कुक कम हेल्पर कार्यरत हैं । वही पन्नाधाय बाल गोपाल योजना के अंतर्गत दूध गर्म करने वाले कार्मिकों का भी दिसंबर 2023 तक का ही भुगतान किया गया है।

भुगतान को लेकर जब अधिकारियों से बात की गई तो जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक शिक्षा) के द्वारा बताया गया था कि जयपुर से भुगतान को लेकर डिमांड की गई है और अभी भुगतान लंबित है जबकि आयुक्तालय में बात करने पर जवाब दिया गया कि सितंबर 2024 तक का भुगतान दिया जा चुका है। 
ऐसे में न्यूनतम मानदेय पर कार्य करने वाली कुक कम हेल्पर के साथ कुठाराघात किया जा रहा है जिनमें अधिकतर कुक कम हेल्पर निर्धन और विधवाएं कार्य कर रही हैं जिनको मानदेय के रूप में मात्र 2143 मिलते हैं जिससे उनके परिवार का पालन पोषण भी मुश्किल से होता है यही नहीं उन्हें तो ग्रीष्म अवकाश और मध्यवर्ती अवकाश का मानदेय तक नहीं मिलता।

अब मानदेय के अभाव में कुक कम हेल्पर कार्य करने  से मना कर रहे हैं जिस पर संस्था प्रधान काफी असमंजस की स्थिति में आ गए हैं क्योंकि इतने कम मानदेय में उन्हें नए कुक कम हेल्पर की व्यवस्था नहीं हो पा रही है ये कुक कम हेल्पर  सरकारी विद्यालयों में बच्चों को पोषाहार बनाने के लिए छात्र संख्या के हिसाब से राज्य सरकार की ओर से  कुक कम हेल्पर लगाए गए हैं । क्षेत्र में कई विद्यालयों में तो छात्र संख्या के हिसाब से तीन कुक कम हेल्पर तक लगाए गए हैं। जिनके भुगतान को लेकर संस्था प्रधान काफी परेशानियों को झेल रहे हैं जिनका कहना है कि अगर यही स्थिति रही तो विद्यालय में बनने वाले पोषाहार को लेकर समस्या खड़ी हो जाएगी।

कुक कम हेल्पर बत्तो देवी का कहना था कि उन्हें 9 माह से कोई मानदेय प्राप्त नहीं हुआ है , उन्हें घर चलाना भारी पड़ रहा है उनके मानदेय से तो अच्छा नरेगा में काम करने वाली महिलाएं हैं जिन्हें उनसे अधिक राशि मिलती है और समय पर मिल भी जाती है। लेकिन सरकार के द्वारा हमें 9 माह से कोई भुगतान नहीं किया गया है हम बच्चों को भोजन करा रहे हैं लेकिन हमारे भोजन के लाले पड़े हुए हैं। 
कचरोटी गांव स्थित प्राइमरी विद्यालय की कुक कम हेल्पर तो तीन माह पूर्व  भुगतान नहीं मिलने के कारण कार्य छोड़कर जा चुकी है अब वहां पर अध्यापकों के द्वारा तीन माह से नई कुक कम हेल्पर बुलाई गई है। जिसका भी भुगतान अभी तक लंबित है।

मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी विश्वजीत सिंह का कहना है कि :- संबंधित संस्था प्रधानो को पूर्व में निर्देशित किया हुआ है कि कुक कम हेल्परों का भुगतान समय पर दिया जाए यदि कुक कम हेल्परों का भुगतान एमडीएम मद से प्राप्त नहीं हो रहा है। तो विद्यालय के किसी भी मद से कर दिया जावे एवं राशि प्राप्त होने पर राशि का समायोजन किया जावे। - 

जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक शिक्षा) नेकीराम का कहना है कि :-जयपुर से बजट नहीं डला है अभी मांग कर रहे हैं। इस पर हम चर्चा कर रहे हैं जल्द ही डाल दिया जाएगा । जैसे ही आयुक्तालय  एमडीएम से भुगतान होगा तुरन्त कुक कम हेल्पर की राशि का ट्रांसफर करवा देंगे।

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