नालसा योजना एवं मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम विषय पर एक दिवसीय सेमीनार का हुआ आयोजन
भरतपुर, 24 अक्टूबर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नालसा (मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से असक्षम व्यक्तियों के लिए कानूनी सेवाएं) योजना, 2015 एवं मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 विषय पर गुरूवार को एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन एडीआर भवन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, भरतपुर में जन साहस संस्था के सहयोग से किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत जिला एवं सेशन न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भरतपुर केशव कौशिक के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके की गई। केशव कौशिक द्वारा बताया गया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 12 के तहत प्रत्येक असक्षम व्यक्ति निःशुल्क विधिक सेवा प्राप्त करने के अधिकारी हैं और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मानसिक रूप से अस्वस्थ और असक्षम व्यक्तियों के लिए निःशुल्क विधिक सेवा उपलब्ध कराई जाती है। मानसिक बीमारी, उचित दवाई एवं देखरेख के साथ साध्य है। मानसिक व्यक्ति के साथ कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए, बल्कि उसके साथ अत्यधिक संवेदनशीलता एवं देखभाल का व्यवहार करना चाहिए।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अनुतोष गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए वर्ष 2015 में एक स्कीम जारी की गई और उस स्कीम में विहित विधिक प्रावधानों की चर्चा के लिए एवं अशक्त व्यक्तियों के प्रति समाज में संवेदनशीलता को बढावा देने के लिए यह सेमीनार आयोजित की जा रही है।
सेमीनार में श्रम विभाग, शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास अधिकारिता विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, बाल संरक्षण ईकाई, मानव तस्करी विरोधी यूनिट, बाल कल्याण समिति, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस बाल कल्याण अधिकारी, असिस्टेंट लीगल डिफेन्स काउन्सिल, विधि छात्र एवं पैरा लीगल वॉलिटियर्स प्रतिवादीगणों ने भाग लिया और सेमिनार में जन साहस फाउण्डेशन की क्लस्टर कॉर्डिनेटर पूजा परमार, प्रोफेशनल काउंसलर सौम्या तथा शिवचरण तथा वीडियो कॉफ्रेन्स के माध्यम से अमृता एस. डूडिया ने अपनी बात रखी।
इसके पश्चात् जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा जेल में संचालित प्रिजन लीगल एड क्लीनिक में कार्यरत जेल विजिट अधिवक्ता एवं पीएलवी के साथ एक ऑरियंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। केन्द्रीय कारागृह एवं महिला कारागृह, उप-कारागृह डीग, बयाना में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा प्रिजन लीगड एड क्लीनिक का संचालन किया जाता है और प्रिजन लीगल एड क्लीनिक पर जेल विजिट अधिवक्ता एवं पीएलवी के द्वारा बंदियों के विधिक अधिकारों की रक्षा की जाती है।
- कौशलेन्द्र दत्तात्रेय