नई ग्राम पंचायतों के गठन हेतु महत्वपूर्ण जानकारी -तहसीलदार मंगल चंद सैनी की जुबानी
उदयपुरवाटी (सुमेरसिंह राव) रिटायर्ड तहसीलदार मंगल चंद सैनी ने बताया यह सर्व विदित है कि 20 जनवरी से राजस्थान में पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन, पुनर्सीमान्कन व नव सृजन का कार्य प्रगति पर है. पंचायतों के पुनर्गठन संबंधी नियमों की जानकारी के अभाव में प्रतिदिन गांवों की जनता अधिकारियों को ज्ञापन व प्रार्थना पत्र देकर पंचायतों के गठन हेतु मांग कर रही है. पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन संबंधी प्रावधान निम्न प्रकार हैं-
पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 9, 10 व 11 के द्वारा क्रमशः ग्राम पंचायत, पंचायत समिति व जिला परिषद की स्थापना की जाती है।
वर्तमान सरकार द्वारा ग्राम पंचायत पुनर्गठन नियमों के अनुसार एक नवगठित पंचायत में कम से कम 3000 की जनसंख्या वअधिकतम 5500 होगी। मरुस्थलीय क्षेत्र जैसे बीकानेर बाड़मेर जैसलमेर जोधपुर सहरिया क्षेत्रों के लिए यह 2000 व 4000 होगी। इसी प्रकार पंचायत समिति में 25 ग्राम पंचायतें व अधिकतम 40 ग्राम पंचायतें होगी।जनसंख्या 2 लाख से कम नहीं होगी।जनसंख्या हेतु वर्ष 2011 की जनगणना का आधार होगा।
यदि एक ग्राम पंचायत में एक से अधिक गाँव हैं कुछ गाँवों की अलग पंचायत हो सकेगी किंतु 3000 की जनसंख्या व बची पंचायत में 5500 से कम जनसंख्या नहीं होगी।एक राजस्व गांव को टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता।किसी भी ग्राम की पंचायत मुख्यालय से दूरी 6 किलोमीटर से अधिक नहीं होगी। नवगठित पंचायत में जन सुविधाओं के लिए पर्याप्त राजकीय भूमि होनी चाहिए। यदि किसी ग्राम को अन्य पंचायत में शामिल किया जाता है तो उस ग्राम की सीमा पंचायत के किसी ग्राम से मिलती हुई होनी चाहिये।