कस्बे में बंदरों का आतंक लोग घरों में कैद, जिम्मेदार मौन

लक्ष्मणगढ़ (अलवर/ कमलेश जैन) कस्बे में बंदरों के आतंक से लोग परेशान है। बार-बार अवगत करवाने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी आमजन की समस्या को लेकर संवेदनशील नहीं है।कस्बे के हनुमान मंदिर के आसपास बंदरों ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है।यहां बंदरों का आतंक इस कदर है कि लोगों ने सर्दी में धूप का सेवन करने के लिए छत पर जाना छोड़ दिया।छोटे बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने देते।कई बार आम रास्ते में भी बंदरों का जमावड़ा रहता है। स्कूली बच्चों को विद्यालय जाना भी दुर्लभ हो रहा है। कई मर्तबा सड़कों पर झुंड की झुंड इकट्ठा हो जाते हैं।इससे लोगों का आवागमन ही बाधित हो जाता है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि बंदरों का आतंक इस कदर है कि घर के बाहर खड़ी गाड़ियां भी सुरक्षित नहीं है। लोग घरों से बाहर निकलने में भी डरने लगे हैं। बंदर घर के बाहर व अंदर रखे सामान को तोड़- फोड़ कर देते हैं। छत पर सूख रहे कपड़ों, पानी की टंकियों, पेड़ पौधों व केबल छतरी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यहां तक कि कस्बे के लगते हुए खेतों की गेहूं की खड़ी फसल में भी नुकसान करने लगे हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि बंदर अब तक कई राहगीरों को जख्मी कर चुके हैं। नगर पालिका प्रशासन को कई बार इस समस्या से अवगत करवाया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। स्थानीय लोगों ने विधायक से मामले में हस्तक्षेप कर समस्या से निजात दिलवाने की मांग की है।
इधर, नगरपालिका के कनिष्ठ अभियंता श्यामसुंदर पांडे का कहना है कि वर्तमान में अधिशासी अधिकारी का पद रिक्त है। अधिकारी के पद भार ग्रहण करने पर बंदरों को पकड़ने की कार्रवाई शीघ्र ही की जाएगी।






