16 लाख के गबन का मामला: हिरासत में लिया आरती बालिका गृह का संचालक पुलिस ने शुरू की पूछताछ

Feb 19, 2025 - 18:02
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16 लाख के गबन का मामला:  हिरासत में लिया आरती बालिका गृह का संचालक पुलिस ने शुरू की पूछताछ

अलवर (अनिल गुप्ता) इलाज के अभाव में 12 वर्षीय बालिका प्रियंका की बीमारी से हुई मौत के मामले में सुर्खियों में चल रहे आरती बालिका गृह के संचालक चेतराम सैनी को पुलिस ने गबन के पुराने मामले में गिरफ्तार कर लिया गया शिवाजी पार्क थाना अधिकारी विनोद सांमरिया ने बताया करीब दो साल पुराने गबन के एक मामले में पुलिस ने उन्हें पकड़ा है। आरोपी ने बाल कल्याण विभाग में 16.22 लाख रुपए के फर्जी बिल पेश किए गए थे। इस मामले में प्रशासन ने पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया था। जिसके बाद राज्य सरकार की ओर से आरती बिल गृह को बंद करने के आदेश दिए थे। बताया जा रहा है कि सैनी ने फर्जी बिल पेश कर राज्य सरकार से अनुदान लेने का प्रयास किया था। इस पर आयुक्त और संयुक्त शासन सचिव बाल अधिकारिता विभाग जयपुर की जांच में बिल फर्जी पाए गए। इस पर सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई और बाल अधिकारिता विभाग अलवर को आरती बालिका गृह के सचिव चेतराम सैनी व अन्य दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए। गौरतलब रहे कि  बालिका गृह का संचालन बालिका गृह में रहने वाली बालिकाओं पर होने वाले समस्त खर्चे के बिल वाउचर पेश कर राज्य सरकार के समक्ष पेश किए जाते हैं। जिसका भुगतान राज्य सरकार की ओर से बालिका गृह को किया जाता है। इन्हीं बिलों की जांच में फर्जीवाड़ा पाया गया था। इस पर विभाग की ओर से कमेटी बनाकर जांच की गई। जांच के दौरान फर्म संचालकों ने अपने बयान में कहा कि यह बिल हमारी फर्म की ओर जारी नहीं किए गए, बल्कि फर्जी तरीके से बनाए गए हैं। इस मामले के बाद सरकार ने आरती बालिका गृह का संचालन बंद करने के आदेश देते हुए बालिकाओं को अन्य जगह पर शिट करने के आदेश दिए थे।
इस मामले में सोनावा की डूंगरी स्थित आरती बालिका गृह में रह रही 12 साल की बालिका प्रियंका जब गंभीर रूप से बीमार हुई तो चिकित्सकों ने उसे जयपुर रेफर कर दिया। बालिका ने दम तोड़ दिया। पोस्टमार्टम की बारी आई तो 3 दिन तक शव को अस्पताल में ही रखा। बालिका गृह के रिकॉर्ड में मृतका के घर का पता भी गलत लिखा हुआ था।
आरती बालिका गृह की एक बालिका की बीमारी से मौत के बाद शनिवार को बालिका गृह में रह रही सभी 29 बालिकाओं का जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया था। जानकारी अनुसार बालिका गृह की सभी बालिकाओं की एक्स-रे, खून व बलगम की जांच की गई। इसमें दो बालिकाओं में खून की कुछ कमी मिली है, जिनकी दवाएं शुरू की गई हैं। इसके अलावा सभी बालिकाएं सामान्य हैं। आरती बालिका गृह की एक बालिका की मौत के बाद बनाई गई जांच टीम कई लोगों के बयान दर्ज कर रही है। बालिका गृह के प्रभारी से लेकर बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) अध्यक्ष के बयान दर्ज होंगे। जांच अधिकारी एवं सहायक कलक्टर सुनीता यादव का कहना है कि जांच चल रही है। कुछ लोगों के बयान दर्ज करने के बाद रिपोर्ट जिला कलक्टर को सौंपेंगी। हाल ही आरती बालिका गृह की एक बालिका की मौत हो गई। इलाज समय पर मुहैया नहीं कराया जा सका। मामला सार्वजनिक हुआ तो सरकार व प्रशासन ने संज्ञान लिया। सरकार ने सीडब्ल्यूडी के अध्यक्ष राजेश शर्मा समेत दो सदस्य भूपेंद्र सैनी व सुरज्ञान सिंह जाट का मनोनयन निरस्त कर दिया। इसके अलावा सहायक निदेशक रविकांत को एपीओ कर दिया। इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई, जो जांच कर रही है। बताते हैं कि यह जांच अंतिम चरण में है। उसके बाद जिला कलक्टर सरकार को रिपोर्ट भेजेंगी। वहां से जो आदेश होंगे, उसके बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 
वर्ष 2023 में लगे आरोपों के बाद आरती बालिका गृह की जांच की गई। तमाम खामियां मिलने के बाद भी जिमेदारों ने एक्शन नहीं लिया। उस दौरान एक्शन हो जाता तो शायद आज बालिका की जान नहीं जाती।  पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

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