धर्मसभा में माताजी ने प्रवचन देते हुए मोह माया के फैर से बचने की सीख दी

मकराना (मोहम्मद शहजाद)। शहर के वसुंधरा नगर स्थित नवनिर्मित विद्या सागर संत भवन में विराजमान गणीनी सरस्वती माताजी ने यहां पर आये श्रद्धालुओं को आशीषवचन दिया। साथ ही उन्होने चन्द्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में भगवान की आरती, अभिषेक, णमोकार मंत्र, जांप, शांतिधारा आदि कार्यक्रमों में भाग लिया। इसके पश्चात माताजी यहां से रवाना होकर शहर के आनंद नगर पहुंची। जहां पर पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में समाज की ओर से अभिषेक, शांतिधारा सहित अन्य धार्मिक अनुष्ठान संपादित करवाएं। वही प्रात: 9 बजे माताजी शहर के सदर बाजार स्थित आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर पहुंची। यहां पर भी अनेक प्रकार के अनुष्ठान आयोजित हुए और इन धार्मिक कार्यक्रमों में जैन समाज के श्रद्धालुओं ने उत्साह के साथ भाग लिया। इससे पूर्व यहां पर जैन समाज की ओर से माताजी का बैंड बाजों के साथ स्वागत किया गया। इन कार्यक्रमों के समापन पश्चात धर्मसभा का आयोजन हुआ। धर्मसभा के दौरान माताजी ने प्रवचन देते हुए कहा कि मोह माया के फैर से बचे। मोह माया के कारण ही परिवारों में कलह पैदा होती है। जीवन में शांति प्राप्त करने के लिये मोह तथा माया के पीछे भागने की प्रवृत्ति का त्याग करना होगा। उन्होने कहा कि आज के इस युग में भगवान महावीर के द्वारा जो दुनिया को संदेश दिया गया है वह प्रासंगिक है जिन्हे सभी को आत्मसात करना चाहिए। भगवान महावीर के सिद्धांतों पर चलकर जीवन जीने वालों का जीवन शांति से व्यतीत होता है। धर्मसभा के समापन पश्चात प्रभावना का वितरण किया गया। इस मौके पर वसुंधरा नगर विकास समिति के अध्यक्ष सुनील कुमार जैन, जैन समाज अध्यक्ष संदीप गोधा, पवन पहाडिया, विजय कुमार पहाडिया, हेमन्त जैन, जितेन्द्र बडजात्या, विनित पहाडिया, विभोर जैन, अंशुल जैन, विमल पहाडिया, अनिल शाहबजाज, ज्ञानचंद लुहाडिया, रौनक पहाडिया, नितेश जैन, हितेश जैन, गिरीश जैन, योगेश पहाडिया, राजेश जैयसवाल, अभिषेक गंगवाल, हितेश बडजात्या, प्रकाश डोसी, प्रतिक गोधा, सुशीला गोधा, प्रेमलता पहाडिया, मैनादेवी पहाडिया, किरण पहाडिया, अंजु पांडया, ममता गंगवाल, सीमा गंगवाल, कोची बडजात्या, संगीता गोधा, उषा जैसवाल, हीरामणी जैन, हीरादेवी गंगवाल, हीरादेवी पहाडिया सहित अनेक श्रद्धालुगण उपस्थित रहे।






