आस्था से भरपूर बल्लभगढ की देवी माता मन्दिर: 4 अप्रैल से देवी माता मेला शुभारम्भ, 5 को राष्ट्रीय कुश्ती दंगल

Mar 25, 2025 - 20:30
Mar 26, 2025 - 21:47
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आस्था से भरपूर बल्लभगढ की देवी माता मन्दिर:  4 अप्रैल से देवी माता मेला शुभारम्भ, 5 को राष्ट्रीय कुश्ती दंगल

वैर, (कौशलेन्द्र दत्तात्रेय) अरावली पर्वत मालाओं के चोटी पर भुसावर उपखंड के गांव बल्लभगढ स्थित देवी माता मन्दिर आस्था से भरपूर है , जिसका निर्माण भरतपुर रिसायत के संस्थापक महाराजा सूरजमल ने साल 1729 में क्षेत्र के सर्व समाज का सहयोग लेकर कराया। यहां मेले की शुरूआत साल 1912 में गांव के निवासी सगे दो भ्राता मन्नू मीणा और कृष्णा मीणा ने कराई , तभी से यहां प्रतिसाल मेला लगता आ रहा है। प्रत्येक महिना की सप्तमी-अष्ठमी को लद्यु मेला तथा साल में एक बार विशाल मेला लगता है। वैसे समय-समय पर अनेक धार्मिक कार्यक्रम होते रहते है। सभी मेले और धार्मिक कार्यक्रम में गांव बल्लभगढ सहित पडौसी गांव के भारी सख्यां में श्रद्वालु शामिल होते है और देवी माता की पूजा-अर्चना एवं दर्शन करते है। श्रद्वालुओं की मनोकामनाएं पूरी होने पर ये परिवार व रिश्तेदारों सहित आते है और परिवार में नव शिशु के जन्म लेने एवं विवाह योग्य युवक-युवती की शादी आदि खुशी होने पर माता की जात देने तथा बच्चों का मुंडन संस्कार को यहां आते है। समय के बदलाव के साथ साथ मेले में लोगों के मनोरंजन के लिए रहट-झूले,सर्कस आते है तथा खेलकूद,कुश्ती,नौंटकी,कवि सम्मेलन,सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि कराए जाते है। मेले में भारी सख्यां में   खिलौना,मिष्ठान,चाट,व,दैनिक जीवन में काम आने वाले घरेलू सामान,श्रृंगार आदि की दुकान आती है।

दुकानों से मेलार्थी व ग्रामीण जमकर खरीददारी करते है और मेले का आनन्द लेते है। बल्लभगढ की देवी माता के प्रति आस्था कायम होने पर भरतपुर रियासत के राजा-महाराजा,ठाकुर,राजनैतिक - गैर राजनैतिक संगठन के लोग आदि आ चुके है , जिनमें भरतपुर रियासत के संस्थापक महाराजा सूरजमल,महाराजा जवाहर सिहं,महाराजा विजेन्द्र सिहं,महाराजा विश्वेन्द्र सिंह,राजा मान सिंह, कुॅवर अरूण सिंह,दिवंगत मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाडिया,पूर्व मंत्री भजनलाल जाटव,विधायक बहादुर सिंह कोली,पूर्व सांसद रामस्वरूप कोली,पूर्व सांसद रंजीता कोली आदि आ चुके है। साथ ही क्षेत्रीय प्रधान,पूर्व प्रधान,सरपचं,पूर्व सरपचं आदि शामिल होते है। जो सभी देवी माता के दर्शन कर पूजा-अर्चना करते है। इस बार साल 2025 का 114 वां देवी माता मेला 4 अप्रेल से शुरू होगा,जो 5 अप्रेल तक लगेगा। जो मेला ग्राम पंचायत बल्लभगढ,मेला कमेटी तथा गांव के लोगों के सहयोग से लगता है। मेला कमेटी के संरक्षक व पूर्व सरपचं कलुआराम मीणा एवं प्रशासक प्रतिनिधी दिलीप मीणा ने बताया कि 4 अप्रेल को सुबह देवी माता मेला का ध्वजारोहण होगा,जिसके बाद पूजा-अर्चना होगी और इसी दिन अनेक प्रकार की खेलकूद प्रतियोगिताए होगी। दूसरे दिन 5 अप्रेल को विशाल कुश्ती दंगल होगा,जिसमें स्थानीय पहलवानों सहित देश के कई राज्यों के पहलवान भाग लेंगे। विजेता पहलवानों को ग्राम पंचायत,मेला कमेटी और गांव के लोगों के द्वारा पुरूस्कार प्रदान किए जाऐंगे।
- महारानी हंसिया के आग्रह पर हुआ निर्माण 
भरतपुर रियासत के संस्थापक महाराजा सूरजमल की ससुराल  सलैमपुर कला में थी और उनकी पत्नी का नाम हंसिया था। जब भी महाराजा सूरजमल भरतपुर से सलैमपुर कला आते और जाते तो रास्ते में बल्लमगढ़ गांव पडता था। इस गांव में महारानी हंसिया की एक सखी थी। जो माता देवी की परम भक्त थीं।  जिसने एक बार महाराजा सूरजमल,महारानी हंसिया से आग्रह कर घर  रुकने का न्यौता दिया। जो उनके गांव में रुके। जिसके आदर भाव और सेवा भाव को देख कर महारानी हंसिया बेहद खुश हुई। महारानी हंसिया ने अपनी सखी से कहा कि आपकी क्या इच्छा है, हमसे जो मांगेगी वह ही मिलेगा। सखी ने माता देवी की स्थापना कराने का आग्रह किया। तब महाराजा सूरजमल ने माता देवी का मंदिर निर्माण कराने की बात स्वीकार कर ली।  1729 में माता देवी के मंदिर का निर्माण हुआ। जो मंदिर गांव के पास पहाड़ी की चोटी पर बनवाया गया जो कई किलोमीटर दूर से लोगों को आज भी नजर आता है।

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