संविदा नर्सेज कर्मियों के प्रदेश संगठन के आवाहन पर स्वास्थ्य भवन जयपुर का घेराव
सीएमआर घेराव पर भारी पुलिस बल के साथ नर्सेज ने किया प्रदर्शन, खादी तक पहुंचने में खाकी बनी रुकावट ।
उदयपुर (राजस्थान/मुकेश मेनारिया) संविदा नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति एवं नर्सेज एसोसिएशन एनएचएम 2016 संघर्ष समिति बैनर तले प्रदेश संगठन के आवाहन पर सोमवार को स्वास्थ्य भवन जयपुर में एकत्रित होकर नर्सेज ने शक्ति प्रदर्शन किया । संविदा नर्सेज संघर समिति उदयपुर के दिनेश रेगर एवं संजय मेघवाल ने बताया कि सोमवार को अल सुबह ही प्रदेश के विभिन्न जिलों से संविदा नर्सेज कर्मियों का पड़ाव स्वास्थ्य भवन के बाहर शुरू हो गया।
- विभिन्न मांगों को लेकर किया प्रदर्शन--
संविदा नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा सोमवार कोसीधी भर्ती की मांग को लेकर के स्वास्थ्य भवन जयपुर में धरना प्रदर्शन एवं नारेबाजी की गई। संविदा नर्सेज कर्मियों की मांग है कि आगामी बजट में नर्सेज की 15000 जी ऎन एम की 8000 ए एन एम की नई भर्ती निकालकर के बोनस अंक 10, 20 , 30 के आधार पर नियमितीकरण किया जाए। नर्सेज ने दावा किया कि पूर्व में भी 2013 व 16 के तहत बोनस अंक के आधार पर परमानेंट किया गया। तो 2022 में नर्सेज के साथ सौतेला व्यवहार क्यों?
- मुख्यमंत्री आवास कूच पर स्वास्थ्य भवन के मुख्य द्वार पर जड़ा ताला----
सोमवार कल सुबह से ही प्रदेशभर से आए नर्सेज नारेबाजी के साथ शक्ति प्रदर्शन किया वहीं देर दोपहर को नर्सेज ने आंदोलन उग्र कर दिया वही मुख्यमंत्री आवास पर कूच करने लगे । जिस पर स्वास्थ्य भवन के मुख्य द्वार पर भारी पुलिस बल , एवम् जाप्ते के साथ नर्सेज को सीएमआर कूच के लिए रोका गया। लगभग 2 घंटे तक स्वास्थ्य भवन के मुख्य द्वार पर आवाजाही बंद रही वही नर्सेज ने नारेबाजी की। सोमवार को एसोसिएशन की मुख्य मांग अपनी समस्याओं को मुख्यमंत्री आवास पर अशोक गहलोत को अवगत कराना था। लेकिन खादी तक पहुंचने में खाकी रुकावट बनी । इसी दौरान नर्सेज कर्मियों एवम् पुलिस प्रशासन के बीच कहा सुनी हो गई । अंतिम में स्वास्थ्य भवन अधिकारियों एवं प्रशासन की समझाइश पर स्वास्थ्य भवन मुख्य द्वार खोला गया।
- प्रतिनिधिमंडल ने की मुख्य सचिव से भेंट ------
देर शाम तक नर्सेज द्वारा स्वास्थ्य भवन में धरना एवं नारेबाजी के साथ प्रदर्शन करते रहे वहीं प्रशासन की समझाइश पर प्रतिनिधि मंडल द्वारा राजस्थान के मुख्य सचिव उषा शर्मा से भेंट कि जिस पर नर्सेज की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराते हुए सरकार के उक्त बजट में नर्सेज के हितों में मांग की गई जिस पर मुख्य सचिव द्वारा ठोस आश्वासन के बाद नर्सेज ने धरना प्रदर्शन बंद किया।
- संवेदनशील सरकार से है आस गहलोत करेंगे कुछ खास
-
राजस्थान की गहलोत सरकार से नर्सेज को बढ़ि आस जुड़ी हुई है क्योंकि लंबे समय से संविदा नर्सेज अपने हक की लड़ाई के लिए संघर्षरत हैं । वही 2016 में लिखित परीक्षा एवं मेरिट लिस्ट के आधार पर 2019 में चयन हुआ । वही प्रदेश सरकार की उदासीनता के चलते 2020 में जॉइनिंग दी गयी। नर्सेज द्वारा कोरोना काल में बहुत ही सराहनीय कार्य करके प्रदेश को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में अव्वल नंबर का दर्जा दिलाया है। लेकिन 2016 के बाद में नर्सेज संविदा कर्मियों को निराशा ही हाथ लगी है। वही अल्प वेतन पर सेवाएं देने को मजबूर है। वहीं आगामी बजट से नर्सेज को राजस्थान की गहलोत सरकार से बढ़ि आस जुड़ी हुई है। हालाकी जादूगर नर्सेज की मांगों पर कितना खरा उतर पाते हैं यह बजट के बाद में ही पता चल पाएगा।