विश्व पर्यावरण दिवस विशेष : आखिर पर्यावरण को लेकर कब गंभीर होगा हमारा समाज - सुखवंत सिंह, भाजपा नेता
आज पर्यावरण असंतुलन एक विश्वव्यापी गंभीर समस्या बनती जा रही है। कैसी विडंबना है कि वर्ष 2020 में उस वक्त पर्यावरण शुद्व था, जब कोरोना महामारी के कारण सभी लोग घरों में थे, हर चेहरे पर मास्क लगा था। उस समय में गंगा का पानी भी निर्मल हो गया था। हवा शुद्ध हो गई थी। प्रकृति महक सी गई थी।
बेशक आज 5 जून 2022 को पूरे विश्व में पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। विश्व में 5 जून 1974 को पहला पर्यावरण दिवस मनाया गया था। आज 48वां पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है, मगर ऐसे आयोजन केवल मात्र औपचारिकता भर रह गए हैं।
एक दिन में नहीं बदलेगी तस्वीर
केवल मात्र एक दिन पर्यावरण के संरक्षण के लिए संकल्प लिए जाते हैं। स्कूलों, कालेजों और स्वयंसेवी सस्थाओं द्वारा रैलियां निकाली जातीहैं। सेमिनार लगाए जाते हैं। सरकारी विभागों और सरकारी संस्थाओं में अधिकारीयों के साथ स्कूली बच्चों को शपथ दिलाई जाती है। फिर पर्यावरण को प्रदूषित करके धज्जियां उड़ाई जाती है।
दरअसल,पर्यावरण का संरक्षण हमारा नैतिक कर्तव्य है। आज सरकारों द्वारा विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। लाखों रुपया खर्च किया जाता है। केवल मात्र खानापूर्ति करने से कुछ नहीं होगा। आज वायु प्रदूषण एक विकराल और लाइलाज समस्या बनती जा रही है। आंकड़े बताते हैं कि वायु प्रदूषण के कारण दुनिया में प्रतिवर्ष 20 लाख लोग जान गंवाते हैं। पराली जलाई जा रही है। कपड़ा जलाया जा रहा है। प्लास्टिक जलाया जा रहा है। इन सब से वातावरण अशुद्ध होता जा रहा है।
केवल भाषणबाजी करने से कुछ नहीं होगा धरातल पर काम करना होगा। एक दिन चोचलेबाजी की जाती है, फिर पूरे साल 365 दिन लोग पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि अगर सही मायनों में पर्यावरण को बचाना है, तो सभी को एकजूट होना होगा। तभी हम इसका संरक्षण कर सकते हैं।
आज अवैज्ञानिक रूप से खनन किया जा रहा है, पहाड़ि़यां दरक रही हैं, खड्डों का सीना छलनी किया जा रहा है, जलस्रोत सूख रहे हैं, जलस्तर घटता जा रहा है। खनन करके आज इंसान महल बना रहे हैं, मगर एक दिन पानी को तरसेगें। खनन को रोकना होगा। नदियों और नालों का जलस्तर गिर रहा है। आज अधिकांश नदियों का पानी प्रदूषित हो चुका है। आज पर्यावरण को सुरक्षित रखनें के लिए स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे है। पर्यावरण की स्वच्छता ही हमारा धर्म है।
सरकार को उठाने चाहिए कदम
सरकार को चाहिए कि प्रदूषण और गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ कारवाई की जाए और मनमानी करने वालो पर जुर्माना लगाया जाए, तभी इन लोगों को होश आएगी। गंदगी फैलाने वाले लोगों को सजा दी जाए, ताकि फिर गंदगी फैलाने का दुस्साहस न कर सकें। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी समय-समय पर प्रदूषण फैलाने वालों पर नजर रखनी चाहिए। पंचायतों को भी ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान चलाना चाहिए।
देश के प्रत्येक नागरिक को पर्यावरण की स्वच्छता के इस यज्ञ में आहुती डालनी होगी, तो वह दिन दूर नहीं जब भारतवर्ष में प्रत्येक गांवों और शहरों में वातावरण स्वच्छ होगा। स्वच्छता अभियान को लगातार चलाना होगा, तभी गंदगी से निजात मिल सकती है। पर्यावरण को बचाना हमारा नैतिक कर्तव्य है। इस कर्तव्य से हमें विमुख नहीं होना चहिए। अगर सब एकजुट होकर काम करेगें, तो हम पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं।
सरकारी और गैर सरकारी सस्थाओं को इसमें अपना योगदान देना होगा, मिलजुल कर अभियान चलाने होंगे। पर्यावरण को संरक्षण के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। जागरूकता शिविरों का आयोजन करना होगा। संचार के माध्यमों से पर्यावरण को बचाने के लिए अलख जगानी होगी। पर्यावरण बचेगा, तभी मानव जीवन भी बचेगा। आज पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण को बचाने का एक संकल्प लेना होगा, तभी ऐसे पर्यावरण दिवसों की सार्थकता होगी।