सीआईएसएफ अधिकारी का पुलिस सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

बलरामसिंह करीब 25 वर्ष पूर्व सीआईएसएफ में भर्ती हुए थे। जो अब असम के लखीमपुर जिले में एएसआई के पद पर तैनात थे। जिनका 15 जून की शाम को वहां अपने निवास पर अचानक हृदयगति रूक जाने से देहावसान होना बताया गया था

Jun 18, 2020 - 01:59
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सीआईएसएफ अधिकारी का पुलिस सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार

रूपवास  भरतपुर

रूपवास 17 जून। उपखंड के गांव दाहिना निवासी सीआईएसएफ के अधिकारी बलराम सिंह का बुधवार को पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। इस दौरान जब तक सूरज चांद रहेगा बलरामसिंह का नाम रहेगा व बलरामसिंह अमर रहे के जयकारे गूंज उठे थे। बलरामसिंह करीब 25 वर्ष पूर्व सीआईएसएफ में भर्ती हुए थे। जो अब असम के लखीमपुर जिले में एएसआई के पद पर तैनात थे। जिनका 15 जून की शाम को वहां अपने निवास पर अचानक हृदयगति रूक जाने से देहावसान होना बताया गया है। 46 वर्षीय बलरामसिंह की पार्थिव देह को जब उनके 13 वर्षीय ज्येष्ठ पुत्र पुष्पेन्द्र ने मुखाग्नि दी। तो वहां उपस्थित सभी लोगों की आंखों में आंसू छलक पडे थे। उनका शव बुधवार को सुबह करीब 4 बजे विशेष वाहन से सीआईएसएफ का एक जवान लेकर उनके गांव पहुंचा था। जिसकी ओर से मृतक के मेडीकल व पोस्टमार्टम एवं शहीद का दर्जा देने संबंधी कोई दस्तावेज परिजनों के समक्ष प्रस्तुत नही किए जाने पर उन्होंने शव को लेने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि वह बिना मेडीकल या पोस्टमार्टम रिपोर्ट के कैसे मान ले कि उनके लाडले की मृत्यु कैसे हुई है और जब ड्यूटी के दौरान उनकी मौत हुई है तो उन्हें शहीद का दर्जा क्यों नही दिया जा रहा है।

परिजनों व ग्रामीणों में शव को उनके घर तक पहुुंचने में इतनी देरी होने व मंगलवार को भी दिनभर इंतजार कराने को लेकर भी रोष था। परिजनों व ग्रामीणों ने जब शहीद का दर्जा और मेडीकल व पोस्टमार्टम की रिपोर्ट को लेकर शव को लेने से इनकार कर दिया तो स्थानीय पुलिस व प्रशासन के लोगों में भी हलचल मच गई। वहां आए सीआईएसएफ के कांस्टेबल ने आगरा स्थित हैडक्वाटर पर भी दूरभाष से सूचना दी। जिसके बाद आगरा से उपनिरीक्षक स्तर का एक अधिकारी चार पांच जवानों के साथ वहां पहुंचा जिन्होंने अपने साथी को कंधा दिया और राजस्थान पुलिस के सशस्त्र जवानों की टोली ने हवा में गोलीयां चलाकर व विधिवत तरीके से अंतिम सलामी देते हुए पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके ताबूत पर सीआईएसएफ के पुलिस उपनिरीक्षक सतीशचंद,पुलिस उपनिरीक्षक नरेन्द्र राजावत, पूर्व विधायक निर्भय जाटव, औधोगिक विकास समिती अध्यक्ष दिनेश सूपा,भाजयुमो नेता रिषी बंसल, रितु बनावत, सियाराम परमार, भूराभगत, वरिष्ठ कांग्रेस नेता विजयसिंह एडवोकेट आदि ने भी पुष्प चक्र चढाकर श्रद्धांजली अर्पित की। सांसद रंजीताकोली ने भी बिलकुल आखरी समय में पहुचकर श्रद्धांजली अर्पित की।

परिजनों का बुरा हालः- इस हादसे से मृतक की पत्नी व तीनों बच्चों सहित अन्य परिजनों का भी रो रोकर बुरा हाल हो रहा था।

कई महीने से नही मिल रही थी छुट्टीः-सीआईएसएफ के इस अधिकारी के ममेरे भाई कौशल ने बताया कि उसकी बलराम सिंह से फोन पर बात होती रहती थी।वह छुट्टी नही मिलने से पिछले 8 महीने से लगातार ड्यूटी दे रहा था। जिससे तनाव में था। उसके साले ने बताया कि दो दिन पहले ही उसके जीजा बलराम से उसकी फोन पर बात हुई थी। तब बताया था कि उसे कई दिनों से अपने परिवार व गांव की बहुत याद आ रही है। अब वह बहुत टैंशन में है। छुट्टी की बार बार कोशिश करने पर भी छुट्टी नही मिल पा रही है। छुट्टी मिल गई तो जल्द ही परिवार से मिलने गांव आउंगा।  

 संवाददाता राजीव झालानी की रिपोर्ट

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