आदिबद्री व कनकाचल पर्वत को खनन मुक्त करने की मांग को लेकर 5 अगस्त से शुरू होगा सामुहिक आमरण अनशन

25 जुलाई से शरू होगी क्रांति यात्रा, में 30 से अधिक बड़ी सभाएं होगी, 50 से अधिक गांवों में होगा जनसंपर्क , 24 घण्टे कीर्तन चलेगा कीर्तन

Jul 19, 2021 - 00:18
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आदिबद्री व कनकाचल पर्वत को खनन मुक्त करने की मांग को लेकर 5 अगस्त से शुरू होगा सामुहिक आमरण अनशन

ड़ीग (भरतपुर,राजस्थान) आदिबद्री व कनकाचल पर्वत को खनन मुक्त करने की मांग को लेकर  साधु संतों और ग्राम वासियों का धरना  183 दिन से ड़ीग उप खंड के गांव पसोपा में जारी है।  जिसके अंतर्गत अभी तक कई बड़े प्रदर्शन किए चुके है । रविवार को ब्रज पर्वत एवं पर्यावरण संरक्षण समिति के तत्वाधान में आगामी 25 जुलाई से निकाले जाने वाली 'क्रांति यात्रा' के स्वरूप को अंतिम रूप दिया गया। जिसमें मुख्यतया सभी पड़ाव स्थलों का चयन व जनसंपर्क अभियान औऱ बड़ी सभाओं की रूपरेखा व उनका स्थल एवं आमरण अनशन पर बैठने वाले साधु संतों की सूची आदि पर गंभीर चर्चा कर निर्णय लिया गया ।  बैठक में उपस्थित महंत शिवराम दास ने कहा कि यह क्रांति यात्रा हमारे आंदोलन की निर्णायक कड़ी होगी। जिसके पूरे होने तक अगर सरकार ने आदिबद्री व कनकाचल पर्वत को संरक्षित करने का अपना वायदा पूरा नहीं किया तो यात्रा पूर्ण होने पर  5 अगस्त को भारी संख्या में साधु-संत व ग्रामीण  आमरण अनशन पर बैठेंगे। इसके बाद यदि कोई तनावपूर्ण स्थिति वनती है तो इसके लिए सरकार  उत्तरदाई होगी । 
बैठक में उपस्थित समिति के संरक्षक राधाकांत शास्त्री ने कहा की इस यात्रा के माध्यम से हम आदिबद्री व कनकाचल से लगे लगभग 50 से अधिक गांवों में भ्रमण कर सभी ग्राम वासियों को जागृत कर इन पर्वतों के रक्षण के लिए इस जनक्रांति से जोड़ेंगे । भूरा बाबा ने बताया की यात्रा 25 जुलाई को ग्राम पसोपा से प्रारंभ होगी एवं बद्रीनाथ पहुंचेगी, 26 को यात्रा का पड़ाव परमदरा रहेगा, 27 को पीतम दास की बगीची, 28 जुलाई को पान्योरी, 29 को नगर, 30 जुलाई को पालका, 31 जुलाई को सीकरी, 1 अगस्त को भैसेड़ा, 2 अगस्त को बरसाना, 3 अगस्त को जड़खोर, और 4 अगस्त को पुनः पसोपा पहुंचेगी। अगर इस बीच सरकार ने समय रहते आदिबद्री व कनकाचल पर्वत को खनन मुक्त नहीं किया तो 5 अगस्त को वहीं गांव पसोपा में भारी संख्या में साधु संत आमरण अनशन के लिए बैठेंगे जिस की सूची निर्माण का कार्य प्रारंभ हो गया है। हरि बोल दास ने कहा की अगर प्रशासन व सरकार नहीं मानती है तो कई ऐसे साधु हैं जो अपने प्राणों को त्याग करने का हट कर रहे हैं एवं आत्मदाह करने के लिए तत्पर हैं। आंदोलनकारी रामा पंडित ने कहा की सरकार नवंबर 2009 के सामूहिक अनशन को याद रखें जिसमें एक साथ 15,000 से अधिक साधु-संतों व  ब्रजवासियों ने आमरण अनशन किया था इस बार यह क्रांति अनशन तक सीमित नहीं है अगर सरकार ने अपनी मनमानी करी और वादा नहीं माना तो साधु संत निश्चित रूप से अपने प्राणों को त्यागने का कार्य करेगें । ब्रजकिशोर बाबा ने कहा कि इस क्रांति यात्रा में लगभग 30 से अधिक बड़ी सभाएं होंगी व 50 से अधिक गांवों में सघन जनसंपर्क किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 50 से अधिक छोटी-छोटी नुक्कड़ सभाएं भी आयोजित की जाएंगी । रात्रि विश्राम के दौरान साधु संतों द्वारा सुंदरकांड, रामायण व भागवत का पाठ किया जाएगा एवं इस यात्रा के दौरान 24 घंटे अखंड कीर्तन चलेगा । उन्होंने यह भी बताया कि इस यात्रा में पूरे ब्रज के अलग-अलग हिस्सों से कई बृजवासी व संतगण जुटेंगे व भारी संख्या में लोग  शामिल होंगे। बैठक में कार्यकर्ताओं व आंदोलनकारियों के अलावा मुख्य रूप से माताजी गौशाला के ब्रजशरण बाबा, भक्तशरण बाबा, हरिबोल दास बाबा, श्याम दास बाबा, गोपाल मणि बाबा, मुकेश बाबा, राधारमण बाबा आदि उपस्थित रहे ।

 

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