लक्ष्मणगढ़ में गांधी जयंती पर बंदी के पश्चात भी खुलेआम धड़ले से बिक रही शराब : आबकारी विभाग की सील के बाद कैसे बिकी शराब

विभाग को पूर्व सूचित करने के पश्चात भी ठेके पर बेची गई शराब: विभाग की नीतियों के खिलाफ चल रही अनीति

Oct 3, 2023 - 19:04
Oct 3, 2023 - 19:16
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लक्ष्मणगढ़ में गांधी जयंती पर बंदी के पश्चात भी खुलेआम धड़ले से बिक रही शराब : आबकारी विभाग की सील के बाद कैसे बिकी शराब

लक्ष्मणगढ़ (अलवर, राजस्थान) लक्ष्मणगढ़ कस्बे के भगत सिंह सर्किल के समीप नगर पालिका कार्यालय के सामने खुलेआम  शराब के ठेके पर ड्राई डे होने के पश्चात भी गांधी जयंती पर शराब बेची जा रही थी मीडिया कर्मी के द्वारा जब कवरेज करने लगे तो ठेके पर संचालित कर्मचारी इधर-उधर भागते नजर आए ठेके की शटर के अंदर एक कर्मचारी एक बाहर बाहर से पैसे लेकर के अंदर से माल लेकर के बराबर सुबह से ही सप्लाई कर रहे थे इन्हें उच्च अधिकारियों का नहीं डर वार्ता करने पर बताया गया की ऊपर तक मंथली जाती है फिर इन्हें डर कैसा मीडिया कर्मियों के द्वारा पूर्व में आबकारी विभाग को सूचना दे दी गई थी पुलिस प्रशासन को भी सूचना दी गई थी पर पुलिस जब जाती है तो कार्य बंद कर देते हैं बाद में फिर वही हाल कवरेज करने के पश्चात ठेका कर्मी राम अवतार का फोन मीडिया करने के पास आता है खबर रोकने की भी बात कहते हैं पर उन्हें नहीं पता कि आज ड्राई डे है हम ऐसा क्यों करें एक और गांधी जयंती पर साफ सफाई अभियान चलाया जा रहा है कस्बे के अंदर शौचालय को हमारे देश के सैनिकों ने आकर के साफ सुथरे किया

वहीं इन शौचालय के अंदर जब उन सैनिकों ने देखा उन महिला सैनिकों ने देखा उन्होंने अपने हाथों से शराब के अध्धै पव्वे शौचालय से बाहर निकले थे इन शराबियों को तनिक भी लाज नहीं कि हमारे द्वारा झूठी शराब की बोतलों को हमारी बहन बेटियां जो सशस्त्र सीमा सुरक्षा बल में प्रशिक्षण ले रही है और वो हमारी बहनै इन शराबियों के बोतलों को शौचालय से बाहर निकले उनकी साफ सफाई करें क्या कहती होंगी महात्मा गांधी की आत्मा शासन प्रशासन भ्रष्टाचार के आगे नतमस्तक है शर्म आने की बात है जिस मुद्रा पर गांधी छपे हैं जिसकी जयंती पर जिस चीज के लिए प्रतिबंध है इस मुद्रा के द्वारा उस प्रतिबंधित चीज को खरीदा जा रहा है

क्या इन शराब के ठेकेदारों को नहीं पता ड्राई डे का क्या मतलब है-:

ड्राई डे का मतलब शराब की बिक्री पर प्रतिबंध से है क्योंकि शराब की बिक्री राज्य का विषय है इसलिए पूरे देश में शराब बंदी के कानून अलग-अलग हैं प्रदेश सरकार के उत्पादन शुल्क विभाग के मुताबिक 2 अक्टूबर गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता दिवस महावीर जयंती सहित अनेक उपलक्षों पर शराब पर निषेध होता है प्रतिबंध होता है बिक्री पर.....

आखिर गांधी जयंती पर क्यों होती है शराब की दुकान बंद-:

शराब पर गांधी जी के दर्शन और विचारों को उजागर करने के लिए गांधी जयंती पर शराब की बिक्री प्रतिबंध है महात्मा गांधी शराब सेवन के विरोधी थे उन्होंने कहा था शराब और नशीले पदार्थों की बुराई कई महीनो में मलेरिया आदि से होने वाली बुराई से कहीं ज्यादा बदतर है क्योंकि जहां से केवल शरीर को नुक्सान पहुंचती है वही यह शरीर और आत्मा दोनों को नुकसान पहुंचती है वर्ष 1947 में आजादी मिलने के पश्चात संविधान में यह राजनीति के निर्देश सिद्धांत डीपीएसपी में शराब पर प्रतिबंध शामिल था बता दें इन नीतियों को अदालत में जाकर लागू नहीं करवाया जा सकता मगर यह देश के लिए एक गाइडलाइन के रूप में कार्य करती है

अब देखना यह है खबर प्रकाशित करने के पश्चात विभाग कितना हरकत में आता है और इन लापरवाह ठेकेदारों के खिलाफ क्या विभागीय अधिकारी कार्यवाही कर पाते हैं या यूं ही अमली जामा तो नहीं पहनायगें हालांकि इन ठेकेदारों का यह कोई नया काम नहीं यह तो महावीर जयंती गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता दिवस इत्यादि प्रतिबंध दिवस पर भी शराब बेचते हैं वही यह लोग शराब के ठेके के बाहर अपनी खटिया बेचकर के सोते हैं नीचे शराब के कार्टून रखते हैं यहां 24 घंटे कभी भी शराब आप लक्ष्मणगढ़ में ले सकते हैं शराब के चलते नवयुवकों को गलत लत लग रही है नशे के आदी हो रहे हैं वही शराब के ठेके के समक्ष ही नगर पालिका तो है महिला बाल परियोजना विभाग का ऑफिस है अनेक विद्यालय कॉलेज के लड़के लड़कियां इसी ठेके के समक्ष होकर के गुजरती है उन पर क्या असर होता होगा बात करें शराब के ठेके पर ना कोई रेट लिस्ट है ना कोई नियम कायदे हैं यहां ना बालिक बच्चों को भी शराब की खरौद फरौस्त करते हमने पकड़ा है यहां महिलाएं शराब खरीदनी देखी जा सकती है इस ठेके की अजीबोगरीब कहानी है कीमत से अधिक मूल्य पर शराब का बेचान कभी भी देख सकते हो कई बार कई पत्रकारों को इनके द्वारा मारने पीटने तक की धमकी भी मिल जाती है किसी के साथ यह बदतमीजी करने को भी उतारू हो जाते हैं क्योंकि प्रशासन इन्होंने पैसे की दम पर शायद खरीद रखा होगा कहते हैं शराब का ठेका नियम कायदा किसने देखा , या फिर यूं कहानी आबकारी विभाग की नीति और लक्ष्मणगढ़ शराब के ठेके पर अनीति अब देखने की बात यह है लक्ष्मणगढ़ के ठेके पर क्या सुधार अधिकारी कर पाएंगे या यूं ही इनका ढर्रा चलता रहेगा

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