भ्रष्ट और नकारा अफसर-कर्मचारियों को जबरन रिटायर करेगी सरकार:3 महीने का नोटिस या एडवांस सैलरी देकर नौकरी से होगी छुट्टी
जयपुर ,राजस्थान
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने सभी विभागों को भ्रष्ट और नॉन परफॉर्मर अफसर, कर्मचारियों की विभागवार लिस्ट तैयार करने के आदेश दिए हैं। ऐसे अफसर-कर्मचारियों को जबरन रिटायर करने के प्रस्ताव तैयार करने को कहा है। मुख्य सचिव के आदेशों के बाद सभी विभागों में काम शुरू हो चुका है। करप्शन के मामले में टॉप रहने वाले विभागों में सबसे ज्यादा अफसर और कर्मचारी छंटनी के दायरे में आएंगे।
सरकारी विभागों में अब भ्रष्ट और काम नहीं करने वाले अफसर, कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया जाएगा। भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में लगातार शिकायतों और नॉन परफॉर्मर बने रहने वाले अफसर-कर्मचारियों की विभागवार लिस्ट बनाने का काम शुरू हो चुका है। 15 साल की नौकरी पूरी कर चुके अफसर-कर्मचारी इसके दायरे में आएंगे।
3 महीने का नोटिस या तीन महीने की एडवांस सैलरी देकर जबरन रिटायर कर सकती है सरकार
भ्रष्ट और काम नहीं करने वाले अफसर-कर्मचारियों को जबरन रिटायर करने के लिए तय नियमों के हिसाब से प्रोसेस पूरा किया जाता है। नियमों के अनुसार जिन अफसर और कर्मचारियों की 15 साल की सरकारी नौकरी पूरी हो चुकी हो, उन्हें आचरण और खराब काम को आधार बनाकर जबरन रिटायर किया जा सकता है। इस नियम के तहत जबरन रिटायर करने वाले कर्मचारी-अफसरों की विभागवार स्क्रीनिंग होती है। इनकी सालाना गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) खराब होती है। उन्हें छांटा जाता है।
नियमों के अनुसार जबरन रिटायरमेंट के दायरे में आने वाले अफसर-कर्मचारियों को तीन महीने का नोटिस दिया जाता है। नोटिस पीरियड की जगह तीन महीने की एडवांस सैलरी और भत्ते देकर तुरंत रिटायर किया जा सकता है।
राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1996 के नियम 53(1) के तहत अनिवार्य रिटायरमेंट के प्रावधान पहले से है। इन नियमों के तहत सरकार ऐसे किसी अफसर या कर्मचारी को जबरन रिटायर कर सकती है, जिन अफसर और कर्मचारियों के खिलाफ लगातार भ्रष्टाचार के मामले आते हों। सरकार के कामकाज में लगातार लापरवाह हो। जो सरकारी सेवा में विभाग पर बोझ बन चुके हों। उन्हें जबरन रिटायर किया जा सकता है।