शिक्षा विभाग : राजकीय विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन शिविर (समर कैंप) होंगे आयोजित
सात दिवसीय शिविर: एक से सात जुलाई तक चलेंगे-- बच्चों को दैनिक जीवन से संबंधित नैतिक और पर्यावरण से सम्बन्धित शिक्षा दी जायेगी
किशनगढ़बास (कमलेश कुमार पमनानी) शिक्षा विभाग नवाचार के तहत राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए ग्रीष्मकालीन शिविरो का आयोजन करेगा। अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद् के आदेश के बाद निदेशक माध्यमिक शिक्षा विभाग ने शिविर आयोजन की पूरी समय सारणी जारी की हैं।
शिक्षक संघ रेसटा,राजस्थान के।प्रदेश मीडिया चेयरपर्सन राजीव चौधरी, ने बताया की राज्य के सभी राजकीय विद्यालयों में शिविरो का आयोजन ग्रीष्मावकाश के बाद एक से सात जुलाई तक किया जाएगा। प्रत्येक दिवस की अलग अलग गतिविधि होगी। इस सप्ताह में यदि कोई अवकाश आता हैं तो उस दिवस की गतिविधि आगामी कार्यदिवस में पूरी की जायेगी।
सात दिवसीय गतिविधियां:
*एक जुलाई : स्वस्थ दिनचर्या अपनाएं:- इसमें विद्यार्थियों को प्रात जल्दी उठना, प्रतिदिन व्यायाम करना, माता पिता और बड़ो का आशीर्वाद लेना, प्रतिदिन विद्यालय जाना, साफ स्वच्छ कपड़े पहनना, संतुलित भोजन करना, नुकसान दायक खाद्य पदार्थों से दूर रहना, माता पिता के काम में हाथ बटाकर उनकी सेवा करना जैसे नैतिक कार्य करने होंगे।
*दो जुलाई: ई-कचरा कम करें:- इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं के निर्माण और उनके खराब होने पर उनका उचित निस्तारण के बारे में जानेंगे।
*तीन जुलाई : ऊर्जा बचाएं :- इसमें विद्यार्थियों को ऊर्जा बचाने और ऊर्जा सरंक्षण की जानकारी दी जायेगी।
*चार जुलाई : पानी बचाएं :- जल ही जीवन हैं, बिना जल कुछ भी नहीं।इसमें विद्यार्थियों को पानी का महत्व बताकर वर्षा जल संचयन की विभिन्न विधियों की जानकारी दी जायेगी।
*पांच जुलाई : सतत् खाद्य प्रणाली अपनाएं:- इसमें विद्यार्थियों को खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी जानकारी दी जायेगी।
*छः जुलाई : कूड़ा कम करना :- इसमें विद्यार्थियों को कूड़ा कचरा कम करने और अनावश्यक वस्तुओं का उचित निस्तारण की जानकारी देंगे।
*सात जुलाई : सिंगल यूज प्लास्टिक को ना कहें :- इसमें विद्यार्थियों को सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले नुकसान और पर्यावरण सरंक्षण की जानकारी दी जायेगी।
नवाचार : एक अच्छी पहल
राजकीय विद्यालयों में नवाचार के तहत पहली बार ग्रीष्मकालीन शिविर (समर कैंप) का आयोजन किया जा रहा हैं, जो एक अच्छी पहल हैं। इसमें विद्यार्थियों को दैनिक जीवन से संबंधित नैतिक मूल्यों और पर्यावरणीय ज्ञान की प्राप्ति होगी, जिससे विद्यार्थियों में माता पिता के प्रति उनके कर्तव्य व सेवाभाव और प्रकृति सरंक्षण में योगदान को बढ़ावा मिलेगा।