आरोग्य स्वास्थ्य मंदिर में मूलभूत सुविधाओं सहित पीने के पानी का अभाव
लक्ष्मणगढ़ (अलवर / कमलेश जैन ) प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान में जिम्मेदारों की भूमिका देखनी है, तो शहर के मध्य मालाखेड़ा रोड पुराने हॉस्पिटल में संचालित शहरी आयुष्मानआरोग्य स्वास्थ्य मंदिर स्वास्थ्य केंद्र आइए। यहां प्रशासन द्वारा शहर के सार्वजनिक स्थानों पर चलाए जा रहे सफाई अभियान की हकीकत सामने मिलेगी।
स्थानीय निवासी -गंगा लहरी प्रजापत ने बताया कि- कार्यालय के पीछे गंदगी का अंबार लगा हुआ है । स्वास्थ्य मंदिर में सुलभ मूलभूत सुविधाएं नहीं है। इलाज कराने आने वाली महिलाओं को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए तो यह समस्या विकट रूप धारण किए हुए हैं।
उपयोगहीन शौचालय - चिकित्सालय में मरीजों व स्टाफ के लिए शौचालय की सुविधा तक नहीं है। जो पुुराना शौचालय बना है, वह पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है, ऐसे में मरीज और स्टाफ मजबूरन परिसर में ही खुले में लघुशंका करते नजर आते हैं। जिससे सारा दिन परिसर में दुर्गंध फैली रहती है। वहीं शौच के लिए मरीज और स्टाफ दोनों को काफी परेशानी होती है।
पीने को पानी शौचालय तक की सुविधा नहीं…
यह कैसा अस्पताल है, जहां मरीजों को पीने के पानी की कोई सुविधा नहीं है ।शौचालय तक की सुविधा नहीं है, हल्की चोट के लिए यहां प्राथमिक उपचार की भी सुविधा नहीं है ।शहर के मध्य बना होने के बाद भी यहां कचरे का अम्बार है, सारा दिन यहां मवेशी विचरण करते हैं, यहां बने कमरे शराबियों का अड्डा बने हुए है।
समाज कंटकों का बना अड्डा - मुख्य रोड से इसका परिसर जुड़ा हुआ है। ऐसे में नशा करने वाले लोगों के लिए इसके खाली पड़े कमरे अड्डा बने हुए हैं। रात्रि में अंधेरा छाया रहता है।
यह है हालत - बगल में ही खंडहर की तरह कुछ कमरे खाली पड़े हैं, जिसका लोग कचरा फेंकने के लिए उपयोग करते हैं। नए भवन के अगल-बगल गंदगी ही गंदगी है, खिड़कियों से जिसकी बदबू अस्पताल के अंदर तक जाती है। वहीं अस्पताल भवन कम, खंडहर ज्यादा लगता है। जागरूक नागरिकों ने स्वास्थ्य मंदिर में मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाने ने की मांग की है