अवैध पटाखों की बिक्री पर प्रशासन की पहल नहीं
लक्ष्मणगढ़ (अलवर/ कमलेश जैन) दिवाली त्योहार में मात्र 5दिन शेष है। ऐसे में कस्बे के बाजार में त्योहारी भीड़ शुरु हो गई हैं। रोजाना बड़ी संख्या में लोग अन्य सामान के साथ पटाखे की खरीद भी कर रहे हैं। रिहाइशी इलाकों बाजारों के बीच यह कारोबार बेरोकटोक चल रहा है। लेकिन प्रशासन कार्रवाई करने की बजाय शिकायतों का इंतजार कर रहा है। अब तक अवैध रूप से पटाखा संग्रहण करने वालों पर कार्रवाई नहीं हुई है। विभागीय जानकारी के अनुसार कस्बे में पटाखे की बिक्री के लिए कोई भी लाइसेंस जारी नहीं हुआ है। लाइसेंस शर्तों के अनुसार भी स्टाक सीमा, भंडारण स्थल, सुरक्षा इंतजाम आदि का उल्लेख पर व्यापारी इनका पालन कर रहे हैं या नहीं, यह जांचने की फुर्सत नहीं है।
इस दौरान सुरक्षा को ताक पर रखकर शहर के बाजारों में चोरी छुपे पटाखे की दुकानें भी लगी है। इन अवैध दुकानों में आग से सुरक्षा के कोई बेहतर इंतजाम नहीं हैं। नियम के विपरीत दुकानों पर ही स्टाक भी रखा जा रहा है। जबकि दुकानों में केवल सैंपल होने चाहिए। स्टाक रिहाइशी इलाके से दूर होना चाहिए। कई पटाखे व्यापारी रिहाइशी इलाके मे पटाखे बिक्री कर रहे हैं । दुकान पर ही रिहाइशी इलाके में ही घरों में ही पटाखों का स्टाक रख रहे हैं। इधर प्रशासन की ओर से पटाखों की बिक्री को लेकर तय मानक की पालना एनसीआर क्षेत्र मे नहीं कराई जा रही है। रिहायशी इलाके में अवैध पटाखे की बिक्री से कभी भी कोई दुर्घटना घटित हो सकती है ।
गौरतलब है कि कस्बे में पटाखों का कारोबार करीब 50 लाख से अधिक का होता है। यह व्यवसाय महज दो दिनों में होता है। दुकानों में लाइसेंस की नियम व शर्त के अनुसार सुरक्षा के उपाय भी नहीं है।अवैध पटाखों की बिक्री जोरों पर, जिम्मेदारों को शिकायत का इंतजार