परशुरामचरितम: एक विस्तृत परिचय

May 2, 2025 - 18:05
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परशुरामचरितम: एक विस्तृत परिचय

खैरथल (हीरालाल भूरानी )    विजय कुमार शर्मा (विजय संस्कार) द्वारा रचित "परशुरामचरितम" एक हिंदी पुस्तक है जो भगवान विष्णु के छठे अवतार, परशुराम के जीवन और उनके कार्यों को समर्पित है। यह पुस्तक उन पाठकों के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है जो इस महत्वपूर्ण हिंदू देवता के बारे में गहराई से जानना चाहते हैं।
पुस्तक की विषयवस्तु:
यह ग्रंथ विभिन्न धार्मिक स्रोतों, मुख्य रूप से हिंदू धर्म के पुराणों (जैसे विष्णु पुराण, भागवत पुराण) और महाभारत से प्रेरणा लेता है। इसके अतिरिक्त, अन्य प्रासंगिक धार्मिक ग्रंथों का भी संदर्भ लिया गया होगा ताकि परशुराम के चरित्र और कथाओं को प्रामाणिक रूप से प्रस्तुत किया जा सके।
पुस्तक में निम्नलिखित मुख्य पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है:

  • परशुराम का अवतार: पुस्तक भगवान विष्णु के परशुराम के रूप में पृथ्वी पर अवतरित होने के कारणों और परिस्थितियों का वर्णन करती है। इसमें उनके जन्म की कथा और उनके दिव्य स्वरूप का विवरण शामिल हो सकता है।
  • जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएं: परशुराम के जीवन की प्रमुख घटनाओं, जैसे उनका बचपन, शिक्षा, और विभिन्न शक्तिशाली व्यक्तियों के साथ उनकी मुठभेड़ का वर्णन किया गया है। इसमें उनके प्रसिद्ध फरसे (परशु) की प्राप्ति और उसके महत्व पर भी प्रकाश डाला गया होगा।
  • क्षत्रिय वंशों के साथ संघर्ष: पुस्तक परशुराम के इक्कीस बार क्षत्रिय वंशों का संहार करने की प्रसिद्ध कथा का विस्तार से वर्णन करती है। इसमें इस संघर्ष के कारण, इसकी प्रकृति और इसके परिणामों पर विभिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
  • तपस्वी जीवन और गुरु-शिष्य संबंध: परशुराम के तपस्वी जीवन और उनके द्वारा प्राप्त आध्यात्मिक ज्ञान पर भी पुस्तक में चर्चा की गई होगी। उनके महत्वपूर्ण गुरुओं, विशेष रूप से भगवान शिव और दत्तात्रेय, के साथ उनके संबंधों और उनसे प्राप्त शिक्षाओं का विवरण दिया गया होगा। इसके अतिरिक्त, उनके प्रमुख शिष्यों, जैसे कि भीष्म और द्रोणाचार्य, के साथ उनके संबंधों पर भी प्रकाश डाला गया होगा।
  • धर्म के प्रति समर्पण: पुस्तक परशुराम के धर्म के प्रति अटूट निष्ठा और न्याय के प्रति उनके समर्पण को उजागर करती है। उनके कार्यों को धार्मिक और नैतिक सिद्धांतों के आलोक में प्रस्तुत किया गया होगा।
  • अमरता का पहलू: हिंदू धर्म में परशुराम को अष्ट चिरंजीवियों में से एक माना जाता है, अर्थात वे अमर हैं। पुस्तक इस पहलू पर भी प्रकाश डालती है और उनकी अमरता से जुड़ी कथाओं और मान्यताओं का वर्णन करती है।
  • पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व: पुस्तक परशुराम के ऐतिहासिक, पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व पर जोर देती है। यह बताती है कि क्यों उन्हें एक महत्वपूर्ण देवता के रूप में पूजा जाता है और उनका चरित्र भक्तों के लिए कैसे प्रेरणादायक है।

पुस्तक का उद्देश्य: -
"परशुरामचरितम" का मुख्य उद्देश्य पाठकों को भगवान परशुराम के जीवन और शिक्षाओं से परिचित कराना है। यह पुस्तक धार्मिक साहित्य में रुचि रखने वालों के लिए एक मूल्यवान संसाधन हो सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जो परशुराम के बारे में प्रामाणिक जानकारी हिंदी में प्राप्त करना चाहते हैं। यह पुस्तक परशुराम के चरित्र की गहराई में उतरने और उनके महत्व को समझने में मदद करती है।
संक्षेप में, "परशुरामचरितम" विजय कुमार शर्मा द्वारा लिखित एक विस्तृत हिंदी पुस्तक है जो भगवान परशुराम के जीवन, कार्यों और महत्व का व्यापक विवरण प्रस्तुत करती है। यह धार्मिक पाठकों के लिए एक ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक कृति है।

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