आँगन बाडी केन्द्र चिमरावली सिक्ख में योग सत्र का आयोजन

अलवर (अनिल गुप्ता) अलवर जिले के लक्ष्मणगढ चिमरावली सिक्ख आँगन बाडी केन्द्र पर आयुष्मान आरोग्य मंदिर चिमरावली गोड योग प्रशिक्षक दुष्यंत कुमार शर्मा द्वारा बताया की योग आत्मानुशासन है , योग एक जीवन पद्धति है , योग व्याधि मुक्त व समाधि युक्त जीवन की संकल्पना है । योग आत्मोपचार एवं आत्म दर्शन की श्रेष्ठ आध्यात्मिक विद्या है । योग व्यक्ति को वामन से विराट बनाने की या समग्र रूप से स्वयं को रूपान्तरित एवं विकसित करने की आध्यात्मिक विद्या है । योग मात्र एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति नहीं है , अपितु योग का प्रयोग परिणामों पर आधारित एक ऐसा प्रमाण है, जो व्याधि को निर्मूल करता है अतः यह एक ऐसा सम्पूर्ण चिकित्सा शास्त्र है, जो केवल शारीरिक रोगों का ही नहीं , बल्कि मानसिक रोगों का भी निवारण करता है ।
योग एलोपैथी की तरह कोई लाक्षणिक चिकित्सा नहीं , अपितु यह रोगों के मूल कारण को दूर कर हमें भीतर से स्वस्थता प्रदान करता है । योग को मात्र एक व्यायाम की तरह देखना या वर्ग विशेष की पूजा पाठ की एक पद्धति की तरह देखना संकीर्णता पूर्ण, अविवेकी दृष्टिकोण है । स्वार्थ, आग्रह, अज्ञान एवं अहंकार से ऊपर उठकर योग को हमें एक सम्पूर्ण विज्ञान के रूप में देखना चाहिए ।
योग की पौराणिक मान्यता है कि इससे अष्टचक्र जाग्रत होते हैं एवं प्राणायाम के निरन्तर अभ्यास से जन्म जन्मान्तर के संचित अशुभ संस्कार व पाप परिक्षीण होते हैं योग प्रशिक्षक ने योग सत्र में योग के बारे में बताया कि जीवन का सर्वांगीण विकास, आध्यात्मिक, नैतिक, मानसिक, शारीरिक, सामाजिक, व्यक्तिक निर्माण , क्लेशों की निवृत्ति, तापों की निवृति, दिव्यता की प्राप्ति, व्यवहार एवं चरित्र की शुद्धि आदि तत्वों की प्राप्ति होती है ।इस अवसर पर सहायिका भूतेरी, दीपक विशाल राहुल रिषभ अंशिका अंश अंकुरी सागर यामीन दिपांशू रितिक दिव्या नैनसी रिसिका सहित अन्य लोग मौजूद थे ।






