15 दिसंबर से मलमास, एक महीने तक नहीं होंगे शादी-विवाह
15 दिसंबर से मलमास की शुरुआत होगी, जो सूर्य की धनु संक्रांति के कारण होता है। इस दौरान विवाह जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने गए हैं। योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि 15 दिसंबर से सूर्य की धनु संक्रांति आरंभ होगी। सूर्य की धनु संक्रांति का अर्थ है सूर्य का धनु राशि में प्रवेश करना। सूर्य का धनु राशि में परिभ्रमण एक माह रहता है, इसी एक माह को खरमास या मलमास की संज्ञा दी गई हैl पौराणिक गणना के अनुसार देखें तो ग्रह सिद्धांतों में या ग्रहों के परिभ्रमण में किस ग्रह के किस राशि में गोचर करने से कौन से त्योहार, पर्व, कुंभ, अर्ध कुंभ या लघु कुंभ की स्थिति बनती है। इस दृष्टि से धनु मास की संक्रांति धर्म की वृद्धि करने के लिए बताई जाती है।
विवाह, यज्ञोपवित, गृह प्रवेश आदि नहीं हो सकेंगे
सूर्य की धनु संक्रांति आरंभ होते से ही विवाह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश, प्राण प्रतिष्ठा आदि कार्य वर्जित माने जाते हैं। इस दौरान तीर्थ की यात्रा, तीर्थ पर पूजन या कल्पवास की स्थिति को तय करना चाहिए। सामान्य गृहस्थ के लिए 7 दिन से लेकर के 42 दिन तक का कल्पवास होता है। इस दौरान सत्संग, कथा श्रवण, भगवत भजन और दान आदि करने चाहिए।
16 जनवरी से आरंभ होंगे विवाह आदि शुभ कार्य
सूर्य का धनु राशि को छोड़कर के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रांति होगी। मकर में सूर्य के प्रवेश करते ही सूर्य का उत्तरायण माना जाता है और सूर्य के उत्तरायण से ही विवाह कार्य की दोबारा शुरुआत हो जाती है।
16 जनवरी से दोबारा विवाह की शुरुआत हो जाएगी।
14 मार्च से 14 अप्रैल तक दोबारा मीन मास की संक्रांति
14 मार्च के बाद में मीन संक्रांति आरंभ होगी यह भी मलमास की श्रेणी में आता है। 14 मार्च से 14 अप्रैल के मध्य अलग-अलग प्रकार के साधना उपासना का अनुक्रम रहेगा। 14 अप्रैल के बाद दोबारा मांगलिक कार्य की रूपरेखा शुरू होगी।
- कमलेश जैन