महिला टीचर से दुष्कर्म केस में आरोपी डीईओ अलवर के निलंबन आदेश पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक:
स्थगन आदेश के बाद डीईओ ने कहा- मैं ज्वाइन करूंगा
अलवर
राजस्थान हाईकोर्ट ने महिला टीचर से दुष्कर्म प्रकरण में निलंबित आरोपी जिला शिक्षा अधिकारी नेकीराम की ओर से दायर सिविल याचिका की सुनवाई करते हुए उनके निलंबन पर स्थगन आदेश जारी किए हैं। हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुदेश बंसल ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के डीईओ के निलंबन आदेश पर स्थगन आदेश जारी करते हुए आदेश दिए कि याचिकाकर्ता निलंबित डीईओ नेकीराम को डीईओ अलवर के स्थान से अन्य किसी स्थान पर ज्वॉइन कराया जाए। इसके अलावा न्यायाधीश ने सरकार को यह भी स्वतंत्रता दी है कि परिस्थितियों में बदलाव आने पर स्थगन को रद्द करवाने के लिए भी प्रार्थना पत्र पेश किया जा सकता है।
ऑफिस खोलो - बताया जा रहा है कि डीईओ ने निलंबन स्थगन के आदेश के बाद शनिवार दोपहर सहायक कर्मचारी धनपत को फोन कर बोला कि ऑफिस खोलो। सहायक कर्मचारी ने इस संबंध में अन्य कर्मचारियों को अवगत कराया तो ऑफिस में कानाफूसी शुरू हो गई। धनपत ने बताया कि निलंबित डीईओ नेकीराम ने उसे फोन कर निलंबन पर न्यायालय ने स्थगन आदेश जारी करने का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि मैं दोपहर 2 से 3 बजे के बीच ऑफिस में ज्वॉइन करूंगा। ऑफिस की साफ-सफाई कर देना।
वहीं प्रशासनिक अधिकारी करण सिंह चौधरी का कहना था कि नेकीराम के ज्वॉइन करने के संबंध में सहायक कर्मचारी को आए फोन के बाद मैंने उच्च अधिकारियों से दिशा-निर्दश मांगे।
सीडीईओ महेश गुप्ता ने बताया कि निलंबित डीईओ के स्टे ऑर्डर अभी तक उनके पास ऑफिशएल आदेश नहीं मिले हैं। इधर पुलिस का कहना है कि दुष्कर्म प्रकरण में अभी डीईओ को क्लीन चिट नहीं दी गई है।
पुलिस उपाधीक्षक डॉ. पूनम चौहान का कहना है कि प्रकरण की जांच जारी है। पीड़िता ने न्यायालय में दिए 164 के बयानों में डीईओ नेकीराम पर छेड़खानी का आरोप लगाया है। दुष्कर्म का मुख्य आरोपी शिक्षक गौतम यादव अभी फरार चल रहा है। जिसकी तलाश में पुलिस टीम जुटी हुई है। गौतम यादव की गिरफ्तारी के बाद ही मामले की सच्चाई सामने आ सकेगी और मामले में डीईओ की मिलीभगत की क्या भूमिका थी।