भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता ज्ञान देव आहूजा पहुंचे झील बचाओ संघर्ष समिति के बीच; कहा- किसानों के दुश्मन है अधिकारी: उनको चाहिए कमिशन

अलवर (अनिल गुप्ता) अलवर उपखंड की ऐतिहासिक रियासतकालीन प्राकृतिक झील जिसे तत्कालीन महाराजा विनय सिंह ने सन्1845 में सर्वहितार्थ बनवाई और उसमें तीन तरफ से पानी बारिश का संग्रहित होता है। वह किसानों और अलवर शहर के लिए वरदान साबित हुई
धरना स्थल पर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता ज्ञान देव आहूजा मंगलवार को किसानों के बीच पहुंचे जहां उन्होंने बताया झील का पानी पहले शहर में बगीचे की सिंचाई के लिए जाता था। यदि सभी इस बात पर सहमत और रजामंद है तो हाथ उठाकर समर्थन करें इस पर सभी लोगों ने हाथ उठाकर समर्थन किया। ग्रामीणों ने बताया कि झील के जल बहाव क्षेत्र मे सरकार ट्यूबवेल लगाना चाहती है ।
जिससे जलस्तर नीचे चला जाएगा और खेती-बाड़ी नष्ट हो जाएगी और यह पूरा क्षेत्र खत्म हो जाएगा इसलिए हम चाहते हैं कि यहां ट्यूबवेल नहीं हो। इस पर ज्ञानदेव आहूजा ने कहा ट्यूबवेल लगाने से लिए सरकार के नेता और अधिकारियों को कमीशन मिलेगा इसलिए वह जबरदस्ती ट्यूबवेल लगाना चाहते हैं। उनको किसानो की जमीदारों की फसल की कोई चिंता नहीं। उन्होंने बताया झील का पानी शहर में जाए और ट्यूबवेल यहां पर नहीं लगे इसके लिए वह किसानों के साथ हैं । कामरेड कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सहित प्रेम पटेल, भवेंद्र पटेल ,निहाल सिंह, सुरेंद्र भारती ,रामजीलाल बैसला, महेश सैनी, सहित सैकड़ो की संख्या में किसान मौजूद रहे।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रेम पटेल ने कहा कि अलवर शहर में झील का पानी नहर से ले जाने में किसानों का विरोध नहीं है। यहां के झील भराव क्षेत्र और बहाव क्षेत्र में ट्यूबवेल लगाने का विरोध है। इसलिए यह अनिश्चितकालीन धरना जारी है।






