साइबर ठगी के खिलाफ पुलिस की कार्यवाही: मेवात में चल रहे 38 प्राइवेट एटीएम व तीस हजार सिम करवाए बंद, कई साइबर गांव हॉटस्पॉट किए गए हैं चिन्हित

एटीएम कार्ड और मोबाइल सिम भी फर्जी, पूर्वोत्तर के प्रदेशों से हर माह हजारों की संख्या में आ रहे एक्टिवेट सिम और एटीएम

May 30, 2023 - 13:16
May 30, 2023 - 13:52
 0
साइबर ठगी के खिलाफ पुलिस की कार्यवाही: मेवात में चल रहे 38 प्राइवेट एटीएम व तीस हजार सिम करवाए बंद, कई साइबर गांव हॉटस्पॉट किए गए हैं चिन्हित

अब ठगों ने घरों में ही प्राइवेट ATM लगा लिए हैं, जिससे उन्हें लैस निकालने के लिए गांव से बाहर नहीं निकलना पड़ता

राजस्थान:   भरतपुर जिले का मेवात क्षेत्र साइबर क्राइम के मामलों में मिनी जामताड़ा बन चुका है। भरतपुर के मेवात क्षेत्र में ठगी काफी लम्बे समय से होती आ रही है। मेवात के लोग हर बार कुछ नया तरीका इजाद कर लेते हैं। साइबर ठगी के मामले लगातार इस प्रकार बढ़ रहे हैं कि ऐसा कोई दिन नहीं जहां कोई ना कोई ठगी का शिकार नहीं होता आए दिन खबरें मिलती है कि आज जहां तो कल वहां की हो गई ऐसी खबरों के मिलने के बाद भी आमजन सजग नहीं होता है और थोडे से  लालच में साइबर ठगी का शिकार हो जाता है  लोगों को ठगी का शिकार बनाने के लिए ठगों ने प्राइवेट एटीएम तक लगवा लिए हैं। कई लोग तो लोभ में आकर मेवात क्षेत्र के ठगों का शिकार हो जाते हैं। 
इस संबंध में जिन गांव में प्राइवेट बैंकों के एटीएम लगे हुए हैं, यह बंद कराए गए हैं। क्योंकि पुलिस को शुरू से ही संदेह था कि गांव-गांव में लगे प्राइवेट बैंकों के एटीएम में लेनदेन सिर्फ साइबर फ्रॉड के पैसे निकालने में किए जाते हैं। इस संबंध में डीजीपी ने भी बैंक अधिकारियों की बैठक ली थी। जिसमें यह बताया गया कि जो भी ऐसे सस्पेक्टेड एटीएम है, उन्हें बंद किया जाए तो बैंक अधिकारियों ने भी इस संबंध में विश्वास दिलाया है। गृहमंत्री की रिपोर्ट के आधार पर भी ऐसे एटीएम पर कार्रवाई की जा रही है। भारत सरकार इसमें मॉनिटरिंग कर रही है और उन्होंने विश्वास दिलाया कि साइबर क्राइम को नियंत्रण करने में सफल होंगे।

ठगी के पैसे निकालने के लिए जब भी आरोपी गांव से बाहर निकलते तो पुलिस नाकाबंदी या मुखबिर की सूचना के आधार पर ठगों को गिरफ्तार कर लिया जाता, अब ठगों ने घरों में ही प्राइवेट एटीएम लगा लिए हैं, जिससे उन्हें लैस निकालने के लिए गांव से बाहर नहीं निकलना पड़ता । जिसके यहां एटीएम लगा होता है। वह पैसे निकालने के लिए ठगों से कमीशन लेता है।  जब से प्राइवेट एटीएम के मामले सामने लगे तो, तब से पुलिस ने इसे एटीएम पर निगाह बनाना शुरू किया और मेवात इलाके में 54 एटीएम को चिन्हित किया और उसमें से पुलिस ने 38 एटीएम को पुलिस ने बंद भी करवा दिया। हाल ही में अभी 8 नए एटीएम खोले गए हैं।

देश में बदनाम राजस्थान के जामताड़ा यानी मेवात में कॉर्पोरेट कंपनियां भी ठगों के साथ मोटी कमाई कर रही हैं। जहां साइबर ठग ज्यादा सक्रिय हैं वहाँ हर दिन होने वाली नकदी की निकासी छोटी-मोटी नहीं, रोज एक करोड़ से ज्यादा। इसके लिए निजी कंपनियों ने कामां-पहाड़ी क्षेत्र के हर गांव में एटीएम लगा दिए हैं। पुलिस की पिछली कई कार्रवाई में भी ये साबित हो चुका है कि इन एटीएम मशीनों से नकदी निकालने वाले ज्यादातर साइबर ठग ही हैं। पिछले दिनों बामणी गांव में ऐसी ही एक एटीएम मशीन को पुलिस ने जब्त किया था। यहां संदेह बढ़ाने वाली बात ये है कि ये एटीएम किसी बैंकिंग नेटवर्क वाले राष्ट्रीयकृत या निजी बैंक के नहीं है, बल्कि उन कंपनियों के हैं, जिनके पास केवल एटीएम मशीन लगाने का लाइसेंस है

  • केसे बढ़ रहा खेल - कंपनी रोज लाखों के ट्रांजेक्शन से कमाई करती हैं। वहीं ठेकेदार को हर 10 हजार की निकासी पर 10 रुपए कमीशन मिलता है। प्रॉपर्टी मालिक की कमाई सबसे मोटी है। किराए के अलावा ठगों से भी निकासी पर कमीशन लिया जाता है। साइबर ठगों से प्रत्येक निकासी पर प्रॉपर्टी मालिक 20 फीसदी कमीशन लेता है।
  •  लोकेशन हरियाणा की, मशीन राजस्थान में: - जुरहरा में लगे कई एटीएम ऐसे हैं, जिनकी अनुमति में लोकेशन हरियाणा के बॉर्डर के गांव की है, जबकि वह लगा राजस्थान में है। पुलिस ने एक ऐसे एटीएम का रिकॉर्ड मंगाया तो मालिक ने मशीन ही हटवा दी।
  • कहां कितने एटीएम:- कामां के पालड़ी गांव की आबादी मात्र 1500 है, यहां पिछले दिनों तक 7 एटीएम मशीनें चल रही थीं। इसके अलावा 2 हजार की आबादी वाले सहसन में भी दो एटीएम हैं। छोटी-छोटी ढाणियों में भी निजी कंपनियों ने एटीएम लगाए हुए हैं।
  • निजी कंपनियों के संपर्क में है पुलिस: पिछले दिनों एडीजी क्राइम दिनेश एमएन ने साइबर क्राइम को लेकर मीटिंग में निजी कंपनियों से संपर्क कर इन एटीएम मशीनों की जानकारी मांगी गई है

खास बात यह है कि पुलिस से ज्यादा आम नागरिक की महत्वपूर्ण जागरूकता होनी चाहिए। अलवर में जब से साइबर ठगी का थाना खुला है, तब से अब तक 250 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। लगभग 25 लाख रुपए की राशि बैंकिंग चैनल के जरिए से ग्राहकों को वापस दिलवाई जा चुकी है। यह राशि साइबर अपराधियों ने अपने अपने तरीके से उगने का प्रयास किया था। देश में साइबर अपराधों को लगातार खत्म करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
इसी क्रम में राजस्थान के डीजीपी द्वारा ऑपरेशन ब्रिज प्रहार चलाया गया जिसमें वह गांव टारगेट किए गए जहां यह सबसे ज्यादा उगी होती है। जहां जहां इस तरीके के गांव हैं उनको चिन्हित किया गया। अलवर पुलिस द्वारा मोबाइल की 30 हजार सिम ब्लॉक की गई। यह सिम संदिग्ध रूप से थी, जो दूसरे राज्य के नाम से थी। पुलिस को शक था कि इन सिम के माध्यम से साइबर अपराधी अपराध कर रहे हैं। देश के कई राज्यों की पुलिस अलवर आती है और उन्हें समय-समय पर सहयोग किया जाता है। मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई थी, जिसमें राजस्थान, हरियाणा, यूपी, पश्चिम बंगाल, झारखंड और छत्तीसगढ़ के अधिकारियों से चर्चा हुई। जिसमें साइबर ठगी को रोकने के प्रयास किए और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। भारत सरकार ने भी साइबर की रोकने के लिए बनाई हुई है यह टीम समय-समय पर सभी प्रभावित जिलों के अधिकारियों से बात करती है और आगे की रणनीति तय करती करती है। इसके अलावा साइबर क्राइम थाना खोला गया है। 

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

एक्सप्रेस न्यूज़ डेस्क ll बुलंद आवाज के साथ निष्पक्ष व निर्भीक खबरे... आपको न्याय दिलाने के लिए आपकी आवाज बनेगी कलम की धार... आप भी अपने आस-पास घटित कोई भी सामाजिक घटना, राजनीतिक खबर हमे हमारी ई मेल आईडी GEXPRESSNEWS54@GMAIL.COM या वाट्सएप पर भेज सकते है हम हर सम्भव प्रयास करेंगे आपकी खबर हमारे न्यूज पोर्टल पर साझा करें। हमारे चैनल GEXPRESSNEWS से जुड़े रहने के लिए धन्यवाद................ मौजूदा समय में डिजिटल मीडिया की उपयोगिता लगातार बढ़ रही है। आलम तो यह है कि हर कोई डिजिटल मीडिया से जुड़ा रहना चाहता है। लोग देश में हो या फिर विदेश में डिजिटल मीडिया के सहारे लोगों को बेहद कम वक्त में ताजा सूचनायें भी प्राप्त हो जाती है ★ G Express News के लिखने का जज्बा कोई तोड़ नहीं सकता ★ क्योंकि यहां ना जेक चलता ना ही चेक और खबर रुकवाने के लिए ना रिश्तेदार फोन कर सकते औऱ ना ही ओर.... ईमानदार ना रुका ना झुका..... क्योंकि सच आज भी जिंदा है और ईमानदार अधिकारी आज भी हमारे भारत देश में कार्य कर रहे हैं जिनकी वजह से हमारे भारतीय नागरिक सुरक्षित है