हर्षोल्लास एवं परंपरागत रूप से मनाया गया गोवर्धन एवं भैया दूज का त्यौहार
राजगढ़ (अलवर/ अनिल गुप्ता) उपखंड क्षेत्र में गोवर्धन एवं भैया दूज का त्यौहार परंपरागत हर्षोल्लास से मनाया गया।गौरतलब रहे कि इन पर्वों का सनातन धर्म की पद्धति, परंपरा ,रिवाज का निर्वहन हजारों वर्षों से पीढ़ी दर पीढ़ी हो रहा है। इसी परिपेक्ष में भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र का घमंड चूर कर ग्वाल बाल व समस्त प्राणियों की इंद्र के प्रकोप से अतिवृष्टि से बचाकर गोवंश के रक्षा और पालन की शिक्षा प्रदान की। तभी से गोवर्धन पूजा का चलन चल रहा है। कार्तिक शुक्ल पक्ष एकम के दिन गोवंश के गोबर से गोवर्धन महाराज का विग्रह बनाया जाता है। इसके बाद धूप, दीप, चूरमे ,दही,दूध से मंत्रोच्चारण के साथ पूजा अर्चना की गई इसके साथ ही आने वाला वर्ष सुख समृद्धि कामना करते हुए परिक्रमा शुरू की और मानसी गंगा श्रीहर दे, गिरवर की परिक्रमा दे, कुंडकुंड से चरणामृत ले,,, सात परिक्रमा पूरी कर गोवर्धन महाराज के जयकारे लगाए । तथा दही का प्रसाद ग्रहण किया। इसके साथ ही रविवार को भैया दूज का त्यौहार मनाया गया।इस अवसर पर महिलाओं ने कहानियां सुन कर अपने भाईयों और परिवार के सुख समृद्धि की कामना करते हुए भाईयों को तिलक लगाकर उसके मंगलमय की कामना की।