पुलिस सेवाओं को बधिर समुदाय के लिए समावेशी बनाने हेतु कार्यशाला आयोजित
भरतपुर, 27 जनवरी 2025 — जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कछावा के निर्देशन में तथा नूपुर संस्थान, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में भरतपुर जिले की पुलिस सेवाओं को "सक्षम संवाद यात्रा" के राज्य स्तरीय कार्यक्रम से जोड़ते हुए, जिले की पुलिस सेवाओं को बधिर समुदाय की पहुंच तक लाने एवं उन्हें समावेशी बनाने के उद्देश्य से जिला पुलिस अधीक्षक सभागार, भरतपुर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में जिले के सभी थानों से दो-दो पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया। कार्यक्रम के दौरान पुलिसकर्मियों को बधिर जनों की दैनिक समस्याओं के प्रति जागरूक किया गया। साथ ही, RPWD अधिनियम, JJ एक्ट और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत बधिर समुदाय से जुड़े कानूनी प्रावधानों की जानकारी प्रदान की गई।
बधिर समुदाय के साथ संवाद को और अधिक सुलभ बनाने के लिए कार्यशाला में भारतीय सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण भी दिया गया। इसके अतिरिक्त, नूपुर संस्थान के सौजन्य से आपातकालीन सेवाओं को समावेशी एवं बाधामुक्त बनाने हेतु विशेष VIS (Video Interpretation Service) सेवा संवाद के QR पोस्टर भी जारी किए गए। इन पोस्टरों को जिले के सभी पुलिस थानों में लगाया जाएगा, जिससे किसी भी बधिर व्यक्ति को सांकेतिक भाषा में अपनी बात कहने का अवसर मिल सके और प्रशिक्षित दुभाषिए के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान किया जा सके।
इस महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कछावा के मार्गदर्शन में तथा नूपुर संस्थान के संस्थापक मनोज भारद्वाज, राजस्थान पुलिस बधिर सहायता केंद्र के बधिर वकालत अधिकारी तरुण शर्मा, और विशेष शिक्षिका (HI) सुदेश यादव के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम में स्थानीय बधिर समन्वयक केतन सिंह की भी विशेष उपस्थिति रही, जिन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए पुलिसकर्मियों को बधिर समुदाय की चुनौतियों से अवगत कराया।कार्यशाला के अंत में सभी प्रतिभागियों ने बधिर समुदाय के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए सेवाओं को अधिक समावेशी और बाधारहित बनाने के संकल्प के साथ कार्यशाला को सफलतापूर्वक संपन्न किया।
- कौशलेन्द्र दत्तात्रेय