रोडवेज को अच्छा राजस्व मिलने के बावजूद 30 दिन से उक्त बस का संचालन बंद करने से ग्रामीणों में रोष

दौसा (रितीक शर्मा) डिपो की संचालित एकमात्र रोडवेज बस जो रात्रि विश्राम अलवर जिले के टहला में करती थी, जो करीब 30 दिन से बंद है। जबकि रोडवेज को अच्छा राजस्व मिलने के बावजूद उक्त बस का संचालन बंद करने से ग्रामीणों में रोष हैं।
गोलाकाबास से टहला क्षेत्र के करीब दर्जनभर से अधिक गांव-ढाणियों के लोगों को शाम के समय गंतव्य पर पहुंचने के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। इस सड़क मार्ग पर अन्य कोई रोडवेज नहीं होने से ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर अवैध वाहनों में मजबूरन यात्रा करनी पड़ रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि दौसा से अलवर जिले के टहला में रात्रि विश्राम करने वाली बस जो दौसा से शाम 5:30 बजे चलकर गोलाकाबास होते हुए टहला पहुंचती थी और टहला से सुबह करीब 6:45 चलकर खोह दरीबा- नारायणी माता वाया गोलाकाबास होते हुए सुबह 8:45 बजे दौसा पहुंचती थी। रोडवेज बस का संचालन बंद होने से दौसा से टहला मार्ग से जुड़े पचास से अधिक गांवों के ग्रामीण प्रभावित हो गए।
राजस्थान परिवहन विभाग पर सवाल खड़े होते है कि जब मार्ग पर नियमित रूप से बस संचालित हो रही थी और रोडवेज बस सेवा को भरपूर मात्रा में सवारी मिलने के बावजूद बस सेवा को बंद किया गया। क्या उच्च अधिकारियों की सहमति से बंद किया गया या दौसा डिपो के जिम्मेदार अधिकारियों की सहमति से या मिलीभगत के चलते बंद की गई...?
दौसा आगार के जिम्मेदारों ने अचानक इस बस सेवा को करीब 30 दिन से बंद कर दिया, जिससे आमजन को काफी असुविधा उठानी पड़ रही है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने शाम के समय इस रूट पर महज एक मात्र संचालित होने वाली उक्त बस सेवा को बहाल कर पुनः चलाने की मांग की है।






