श्रीमद्भागवत कथा का छठा दिन : श्रीकृष्ण और रुकमणी का विवाह की अमृत वर्षा का श्रद्धालुओं को रसपान
भगवान श्रीकृष्ण एवं रुक्मिणी विवाह की मनमोहक झांकी प्रस्तुत की गई। जिसे देख उपस्थित श्रोता झूम उठे
गुरला (बद्रीलाल माली) गुरला क्षेत्र में ग्राम पंचायत भुणास के मेघरास में किसन लाल शर्मा पुरोहित परिवार द्वारा चल रही श्री मद भागवत कथा के छठे दिन कथा व्यास से परम् पूज्य श्री धन्वंतरी दास जी महाराज ने श्रीकृष्ण और रुकमणी के विवाह की अमृत वर्षा का श्रद्धालुओं को रसपान कराया. श्रीमद् भागवत कथा के दौरान बीच बीच में सुंदर-सुंदर झांकियां प्रस्तुत की गई. श्रीमद् भागवत कथा का छठे दिन सर्वप्रथम कथा वाचक द्वारा श्रीमद् भागवत कथा की गणेश वंदना विधि विधान से शुभारंभ कराया. छठे दिन कथा में भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य महारास लीला का वर्णन किया. कथा वाचक परम् पूज्य श्री धन्वंतरी दास जी महाराज ने कहा कि भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य है कि स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोकुल पहुंच गए. मथुरा गमन प्रसंग में अक्रूर जी भगवान को लेने आए. जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जाने लगे समस्त ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण के रथ के आगे खड़ी हो गई. कहने लगी हे कन्हैया जब आपको हमें छोड़कर ही जाना था तो हम से प्रेम क्यों किया. गोपी उद्धव संवाद, श्री कृष्ण एवं रुकमणी विवाह उत्सव पर मनोहर झांकी प्रस्तुत की गई. भगवान श्री कृष्ण रुकमणी जी के समस्त श्रद्धालु भक्तजनों ने शादी का आंनद लिया.भगवान श्रीकृष्ण एवं रुक्मिणी विवाह की मनमोहक झांकी प्रस्तुत की गई। जिसे देख उपस्थित श्रोता झूम उठे