सरकार ने नगर निगम से मांगा पिछले साल के कार्यों का हिसाब ,3 माह से सवा 3 करोड़ के 17 वर्क आर्डर पेंडिंग
भरतपुर (कोश्लेंद्र दतात्रेय)
स्वायत्त शासन विभाग ने खर्चो को लेकर नगर निगम के हाथ बांधने के साथ ही निर्माण कार्यों की समीक्षा करना प्रारंभ कर दिया है। इसके लिए निगम से पिछले साल में कराए गए कार्यों ,बजट और आय का लेखा-जोखा मांगा गया है। वित्तीय हालत इतने खराब है कि वार्डों में होने वाले सवा तीन करोड रुपए के 17 से ज्यादा वर्क आर्डर तीन महीनों से लम्बित है ।ऐसे में निगम ने मंगलवार को निजी आय की समीक्षा की है। जिसमें निगम के प्लाटों और निजी प्रॉपर्टिर्यों का सर्वे करने का निर्णय किया गया। आमदनी से ज्यादा खर्च करने पर लगाम लगाने के लिए स्वायत्त शासन विभाग ने नगर निगम से निर्माण और खर्चों के आंकड़े मांगे हैं ।निगम से मिली जानकारी के अनुसार साल 2023- 24 में कुल 44 ठेके जारी किए गए। जिन पर 213 वर्क आर्डर जारी हुए थे । इनकी लागत 31 करोड रुपए की थी। इसमें राज्य वित्त आयोग से 6.5 ,केंद्रीय आयोग से 9. 25 निजी आय से 10.19 करोड़ और अन्य योजनाओं से 5.12 करोड रुपए के बजट का प्रावधान किया गया था। जिसकी रकम मिल चुकी है। लोकसभा चुनावों की आचार संहिता से पहले निगम ने विभिन्न वार्डों में एक करोड रुपए से ज्यादा की निविदाएं जारी की थी।इन कार्यों के मुकाबले निगम को वित्त वर्ष 2024- 25 में अब तक मात्र 70 लाख रुपए की निजी आय हुई है। अन्य किसी भी मद और योजना में बजट नहीं मिला है। ऐसे में तीन महीने से 20 से ज्यादा वर्क आर्डर जारी नहीं हो पा रहे है। नवंबर -दिसंबर में नगर निगम के चुनाव होने हैं। ऐसे में वर्तमान बोर्ड के पास पांच महीने का समय ही बचा है। जिन पार्षदों ने चुनाव लडना तय कर लिया है, उन्हें चिंन्ता सता रही है। इन जनप्रतिनिधियों ने नगर निगम प्रशासन पर वार्डों में काम करने का दबाव बढ़ा दिया है। दूसरी ओर निगम जब -जब निजी आए बढ़ाने की कोशिश करता है। राजनेता, अफसर और रसूखदार वसूली नहीं करने का दबाव बना देते हैं ।ऐसे में अधिकारी दो पाटों में फंसा हुआ महसूस कर रहे है ।
इनका कहना
जनसुविधाओं के आवश्यक काम करने के लिए बजट जुटाने के प्रयास कर रहे है। लैंड यूज परिवर्तन और यूडी टैक्स योग्य संपत्तियों का पता लगाने के लिए सर्वे कराएंगे। रजिस्ट्रेशन नहीं कराने वाले मैरिज होम पर कार्रवाई करने और साथ ही सालों से चली आ रही किराए की दरों की समीक्षा करेंगे।
रिछपाल सिंह बुरड़क, आयुक्त, नगर निगम भरतपुर
निगम प्रशासन ने मंगलवार को आय की समीक्षा की। अधिकारियों के अनुसार बिना लैंड यूज बदलवाए बनाए गए व्यावसायिक भवनों , बिना अनुमति निर्माण , यूडी टैक्स योग्य संपत्तियों और निगम के प्लाटों का सर्वे करने का निर्णय किया गया।यह तय किया गया कि जिन निर्माणों, भवनों और मैरिज होमो को नोटिस दिए जा चुके हैं उन्हें सीज किया जाएगा। निगम संम्पतियों के किराए का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा। कार्यवाही करने की राजस्व शाखा और कनिष्ठ अभियंता की जिम्मेदारी होगी