पंचायत चुनावो की अभी स्थिति स्पष्ट नहीं
राजस्थान में पंचायत चुनावों को लेकर कसमस की स्थिति बनी हुई है। राज्य की 40 प्रतिशत पंचायतों का कार्यकाल जनवरी में खत्म हो रहा है। प्रदेश की पंचायतों में ये सुगबुगाहट तेज हो गई है
- क्या पंचायत चुनाव एक साथ होंगे या फिर सरकार प्रशासक लगाएगी?
- पंचायतों में प्रशासक लगेंगे या सरपंच ?
- क्या जनवरी में टलेंगे पंचायत चुनाव...?
- क्या वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत होंगे इलेक्शन?
राजस्थान की 11 हजार से ज्यादा पंचायतों में अभी इन्हीं सवालों की गूंज है। क्योंकि अब तक पंचायत चुनाव पर कोई फैसला नहीं किया गया। जनवरी में 40 प्रतिशत सरपंच यानि 6759 पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
बाकी 60 प्रतिशत पंचायतों का कार्यकाल सितंबर-अक्टूबर तक पूरा होगा। चुनावों को लेकर संभवतया मंत्रिमंडल की मीटिंग में फैसला हो सकता है। वहीं राज्य निर्वाचन विभाग ने अभी पंचायतों के चुनावों को लेकर कोई तैयारी नहीं की है।
राज्य सरकार ने 49 निकायों में प्रशासक लगाया है। लेकिन अभी तक ये स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है कि पंचायतों में सरकार प्रशासक लगाएगी या सरपंचों को ही चेयरमैन बनाकर पंचायतों की जिम्मेदारी देगी।
पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पंचायतीराज चुनाव का फैसला कैबिनेट की मीटिंग में होगा। एमपी,झारखंड किसी तर्ज पर नहीं हमारी कैबिनेट फैसला लेगी। किसी जनप्रतिनिधि को पेशोपेश की स्थिति में नहीं आना चाहिए। सही समय आने पर राज्य सरकार पंचायतों के लिए निर्णय लेगी।
राज्य सरकार लेगी अंतिम निर्णय -हालांकि दूसरी तरफ सरपंचों का तर्क है कि मध्य प्रदेश और झारखंड की तर्ज पर पंचायतों में जब तक चुनाव नहीं होते तब तक कमेटी बनाई जाएगी और इसका चेयरमैन सरपंचों को बनाया जाए।
इस संबंध में उन्होंने मुख्य सचिव सुधांश पंत से भी मुलाकात कर अपनी बात रखी। ऐसे में अंतिम निर्णय राज्य सरकार को लेना है कि पंचायतों में प्रशासक लगाएं या चेयरमैन?
- कमलेश जैन